लोग अपने अपने घरों में बेचारे कैद हैं रहने को मजबूर हैं कैटल कैचिंग दस्ते पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं मगर काम की मामले में तो वह अपना अपना काम का खाका तैयार रखते हैं कानपुर शहर के हिसाब से आवारा जानवरों का एक लाख के करीब का तांडव जानवरो का है बारिश के दौरान कुत्तों का आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है जिसके कारण बाइक सवार वह रात को पैदल यात्रियों को अक्सर रात में कुत्तों के दौड़ा लेने से दुर्घटना का अधिक से अधिक शिकार होते हैं यहां हैं कानपुर शहर में आवारा जानवरों का भयानक डेरा अधिकारी मौन कैंट श्याम नगर बाबूपुरवा सुजातगंज नेहरू नगर पी रोड किदवई नगर दर्शन पुरवा इनके जैसे ना जाने कानपुर शहर मैं आवारा जानवरों का भयानक आतंक रहता है
शाहीन अंसारी वाराणसी: विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा…
माही अंसारी डेस्क: कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले की आरोपियों में से एक आरोपी एस…
ए0 जावेद वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी…
ईदुल अमीन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने संविधान की प्रस्तावना में…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…
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