अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बाहर से आये नेताओं पर लाखों रूपये तो पानी की तरह बहा दिया लेकिन पार्टी की रीढ समझे जाने वाले कार्यकर्ताओं पर किसी भी नेता की नजर नहीं पड़ी। रात-दिन धूप व ठंड में तपकर पार्टी के लिए काम करने वाले यह कार्यकर्ता आज भी निरीह होकर पार्टी के बड़े नेताओं का मुंह देखने के लिए मजबूर रहते है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि मोदी जी, क्या भाजपा में कभी कार्यकर्ताओं के भी दिन बहुरेंगे।
चुनाव के दौरान भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी मुख्यालय से लाखों रूपये के झंडे, बैनर, स्टीकर, कलम समेत अन्य प्रचार सामग्रिया भेजी गयी थी। इसके अलावां पार्टी ने प्रत्याशी व चुनाव सहायक के संयुक्त खाते में चुनाव की रकम भी भेजी। पार्टी द्वारा भेजी गयी यह रकम पार्टी प्रत्याशियों के लिए मुफीद साबित हुई। इसके अलावां भाजपा ने प्रदेश के साथ-साथ बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान के नेताओ की फौज भी चुनाव प्रचार के लिए जिले में उतार दी थी। सूत्रों की माने तो इन नेताओं के लिए वाहन व दो कार्यकर्ताओं को लगाने की जिम्मेदारी पार्टी संगठन को दी गयी थी। ऐसे नेताओं पर पार्टी ने लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की धनराशि खर्च कर डाली। इन सबके बावजूद पार्टी के लिए लगातार काम करने वाले कार्यकर्ताओं को पूछने वाला कोई नहीं रहा। निरीह कार्यकर्ता पार्टी के लिए अपनी जान तक की बाजी लगाने को हर समय तैयार तो रहते है लेकिन क्या कभी इनका भी कोई समय आयेगा जब पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं का भी ख्याल करेगी।