एवं पूर्व सिखाए गए राग भूपाली राग देश की बंदिशों को दोहराया गया। अलंकारों के प्रकार बताए गए एवं राग विस्तार कराया गया। इसके अतिरिक्त हेम सिंह द्वारा रूप सज्जा का प्रयोगात्मक रूप से अभ्यास कराया गया।इस कार्यशाला को लेकर शिक्षणार्थियों के मध्य काफी उत्साह है ।जोधपुर के अलावा राजस्थान, दिल्ली एवं अन्य शहरों से भी प्रशिक्षणार्थी यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं ।
मो0 कुमेल डेस्क: बुलडोज़र से किसी का आशियाना या घर तोड़ने से पहले सरकार या…
मोनू अंसारी डेस्क: हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उसने इसराइल के कई इलाको पर…
अबरार अहमद प्रयागराज: ब्लॉक श्रृंगवेरपुर के मोहिद्दीनपुर गांव में बंदरों आतंक लगातार जारी है जिसकी…
तारिक आज़मी वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली तंजीम अन्जुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी…
कल्पना पाण्डेय इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक…
तारिक खान डेस्क: एक कलाम का मिसरा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।'…