आदेश के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने भी जिले के सभी 317 परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों को इसके लिए कड़े निर्देश दिए थे। इसमें जिविनि ने कहा था कि यदि किसी भी केंद्र पर परीक्षार्थी जमीन पर बैठ कर परीक्षा देते हुए पाए गए तो उक्त केंद्र को पांच वर्ष तक के लिए डिबार कर दिया जाएगा। इसको लेकर जिविनि ने फरवरी में ही सभी केंद्रों को व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर लेने की चेतावनी दी थी पर बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे में यहां बोर्ड व अधिकारी के निर्देशों का भी कोई असर नहीं है और देहात क्षेत्र के कई केंद्रों पर परीक्षार्थी जमीन पर ही बैठ कर परीक्षा देते नजर आए। बिल्थरारोड के कसेसर क्षेत्र में ऐसे कई केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने व्यवस्था के अभाव में मजबूरन जमीन पर ही बैठ कर परीक्षा दी। इस तरह की स्थिति में जिला प्रशासन व विभाग के नकलविहीन परीक्षा कराने की पूरी तैयारी धरी की धरी रह गई। जमीन पर बैठ कर परीक्षा कराने की व्यवस्था से इसकी शुचिता भी पूरी तरह से तार-तार हो गई। ऐसे केंद्रों पर जमकर नकल की दरिया बही तो परीक्षार्थियों ने खूब इधर-उधर भी किया। इस तरह की स्थिति में पहले दिन की परीक्षा में ही नकल को रोकना विभाग से लेकर प्रशासन तक के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ।
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