जिला मुख्यालय समेत अनेक स्थानों पर खुलेआम होती है गोकशी
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। प्रदेश सरकार ने अवैध बूचड़खानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए निर्देश तो जारी कर दिया है लेकिन क्या इस निर्देश के अनुपालन में जिले के विभिन्न अंचलों में संचालित अवैध बूचड़खानों पर भी रोक लग पायेगा, यह एक गंभीर सवाल है। सवाल इसलिए है कि ये अवैध बूचड़खाने खाकी की अवैध कमाई के प्रमुख श्रोत माने जाते है। इसी के साथ पशु तस्करी का प्रमुख अड्डा माने जाने वाले अकबरपुर थाना क्षेत्र में स्थित लोरपुर की बंजारा बस्ती से लम्बे समय से संचालित पशु तस्करी का कार्य भी रूक पायेगा, इस पर भी लोगों की निगाहें लगी है।
कारण साफ है कि इस अवैध कार्य में कुछ खाकी धारियों की संलिप्तता पूर्व में भी प्रमुख रूप से पायी गयी है। इन परिस्थितियों में प्रदेश सरकार का बूचड़खानों के संबंध में जारी आदेश कितना प्रभावी हो सकेगा, यह देखने वाली बात होगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद सिंह का कहना है कि यदि 72 घंटे के अंदर जिले में संचालित पशु तस्करी के अड्डों व अवैध बूचड़खानों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री समेत पार्टी के संगठन स्तर पर भी की जायेगी।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय पर स्थित मीरानपुर कस्बे में गोवंशों व अन्य पशुओं की कटान का कार्य अरसे से होता चला आ रहा है। अनेक शिकायतों के बावजूद इस अवैध धंधे पर कभी भी अंकुश नहीं लग पाया। लोरपुर व लोरपुर की बंजारा बस्ती भी गो-तस्करी के प्रमुख केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। शहजादपुर कस्बे में भी पशुओं की अवैध कटान का कार्य लम्बे समय से किया जा रहा है लेकिन स्थानीय चैकी प्रभारियों की मिलीभगत के कारण इस पर कभी भी कार्यवाही नहीं की गयी। इसके अलावां इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र का अलनपुर गांव भी अवैध बूचड़खाने के लिए प्रसिद्ध है। टाण्डा, न्योरी, जहांगीरगंज व जलालपुर में भी यह धंधा खूब फल फूल रहा है। खुलेआम हो रहे इस धंधे पर कभी भी प्रभावी रोक लगाने का प्रयास नहीं किया गया। अब जबकि भाजपा की सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सख्ती से आदेश जारी किया है, देखना यह है कि जिला प्रशासन इस पर कितना प्रभावी अंकुश लगा सकेगा। इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी सदर से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो कई बार फोन करने के बावजूद इन दोनों अधिकारियों का फोन नहीं उठा।