तबज़ील अहमद
चायल।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत से पूरे देश के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , अमित शाह व प्रदेश के खेवनहार केशव प्रसाद मौर्या का सीना गदगद है। प्रदेश में भारी बहुमत से पार्टी की जीत केशव प्रसाद की देन मानी जा रही है। ऐसे में केशव प्रसाद के गृह जनपद कौशाम्बी के लोग मायूस लग रहे है। कारण यह है कि जिस तगड़ी मेहनत के बल पर लोगों कौशाम्बी को देश और प्रदेश के फलक तक पहुचाया है, उस मेहनत का नतीजा लोगों को नहीं मिलता दिखाई पड़ रहा है।
प्रदेश के कैबिनेट गठन की सूची से कौशाम्बी का नाम ही गायब है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता पूरी तरह से मायूस हैं। लोगों की प्रमुख मांग है कि जिले में कम से कम किसी एक विधायक को कैबिनेट शामिल किया जाये। ऐसे में चायल सीट से भारी मतों से जीतकर सदन में पहुंचे विधायक संजय गुप्ता का नाम जोर शोर से लिया जा रहा है। कार्यकर्ता और शुभचिंतक चायल विधायक को कैबनेट का मंत्री बनाने के लिए पूजा अर्चना भी करने में जुट गए हैं
अभेद किला तोड़कर आएं है लालबहादुर
कौशाम्बी जनपद की मंझनपुर सीट पर अभी तक पिछले 15 सालों से बसपा शासन में कैबिनेट मंत्री रहे इंद्रजीत सरोज का कब्जा था। यह सीट अन्य दावेदारों के लिए अभेद दुर्ग के समान मानी जाती थी। इस अभेद किला को तोड़ने के लिए पार्टियों के लिए लोहे के चने चबाना जैसा था। लेकिन इसे बीजेपी की अक्लबाजी कहें या फिर केशव की दमदारी। पूर्व में सरसवां ब्लाक के अध्यक्ष रहे लाल बहादुर को इस सीट से उतारकर पार्टी ने बड़ी आसानी से इसे हासिल कर लिया। इस सीट से जीत की मोहर लगाने वाले लाल बहादुर ने कठोर परिश्रम तो किया ही है साथ में लोगों का मन भी जीता है। इनकी चर्चा प्रदेश स्तर की सीढ़ियों पर है। इनके भी शुभचिंतक इनको कैबनेट में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
सिराथू में खो रहे जनाधार को शीतला ने बचाया
कौशाम्बी जनपद की सिराथू सीट प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। माना जाता है कि वर्तमान में प्रदेश की राजनीति भी इसी सीट से चल रही है। पूर्व में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव के नाम से रही सीट पर उपचुनाव के बाद सपा ने अपना कब्जा जमा लिया था। इससे यहाँ का जनाधार कमजोर होता दिखाई दे रहा था। खोते हुए जनाधार को बचाने में केशव ने सिराथू के ही मिलन डी जे बजाने वाले अपने पुराने चिर परिचित चेहरे शीतला प्रसाद उर्फ़ पप्पू पटेल को मैदान में उतारा। यहाँ पर पप्पू ने पूर्ण बहुमत से सीट हासिल किया और सीट की साख पर चंदन लगाया।
रिकार्ड मतों से जीतकर सदन में पहुंचे संजय
कौशाम्बी की चायल विधानसभा सीट हमेशा से उपेक्षित रही है। विकास के लिए ओझल रहने वाली इस सीट पर विधानसभा चुनाव के दरम्यान ही विधायक संजय गुप्ता ने बड़ी आसानी से चुनाव लड़ा। चुनावी गुणा गणित में माहिर संजय गुप्ता ने विरोधी पार्टियों को उनके ही बुने जाल में फंसा कर रिकार्ड मतों से जीत हासिल कर लिया। क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा अग्रसर रहने वाले संजय गुप्ता दोआबा के ऐसे पहले विधायक बने है जिन्होंने 40 हजार के रिकार्ड मतों से विजय हासिल किया है।विधानसभा चुनाव के शुरुआत से ही जिस प्रकार संजय गुप्ता को अपने विरोधियों का सामना करना पड़ा था ठीक उसी अंदाज में उन्होंने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया। ऐसे में संजय गुप्ता को कैबिनेट में शामिल करने के लिए कार्यकर्ताओं की पहली और प्रमुख मांग है। यहाँ तक कि कार्यकर्ता, शुभचिंतक अब संजय गुप्ता को कैबिनेट में शामिल करने के लिए हवन पूजन भी शुरू कर दिया है।