उसमें द्रव शोधन संयंत्र यानी ईटीपी लगाया जाएगा जो स्लाटर हाउस को पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा। संयंत्र स्वदेशी होगा लेकिन उच्च गुणवत्ता का होगा। इतना ही नहीं स्लाटर हाउस में जानवरों के मलमूत्र से खाद बनाने की योजना है जिसे खेती-किसानी के लिए बाजार में बेचा जाएगा। वहीं जानवरों के खून का भी उपयोग होगा। उसके छोटे-छोटे थक्के बनाए जाएंगे जिसे पार्टी उद्योग के साथ ही मछली पालन कारोबारियों में खपाया जाएगा। बताया कि ये थक्के मुर्गी व मछलियों के आहार में काम करेंगे। इससे संबंधित उद्योग भी विकसित होगा क्योंकि ऐसे चारे से मुर्गी व मछलियों का आकार तेजी से बढ़ता है।
तारिक खान डेस्क: नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कुम्भ मेले को लेकर सरकार पर…
आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…
सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…
तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…
सबा अंसारी डेस्क: संभल शाही जामा मस्जिद के कुए को हरिमंदिर बता कर पूजा की…
संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…