वीनस दीक्षित
सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ सभी को समान अधिकार मिलता है अपने विचोरों को दूसरे तक पहुँचाने का। अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वन्त्रता से लैस सोशल मीडिया पर अब योगी सरकार का पेहरा मंडराने लगा है। यूपी सरकार ने यूपी पुलिस को आदेश दिया है टाइम टू टाइम सोशल मीडिया पर नजर रखे। सोशल मीडिया पर पब्लिक पर लगाम लगाने से पहले पुलिस ने अपने विभाग में लगाई लगाम है। पुलिस अधिकारियों और कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर डीजीपी जावीद अहमद ने सोशल मीडिया पॉलिसी लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सोशल मीडिया पर राजनीतिक कटाक्ष और कमेंट नहीं करेंगे।
डीजीपी की ओर से पुलिस कर्मियों को हिदायत दी गई है कि वे सोशल मीडिया के जरिये किसी भी राजनीतिक दल, राजनीतिक व्यक्ति या राजनीतिक विचारधारा के संबंध में कोई टिप्पणी न करें। निजता एवं सुरक्षा के कारणों से पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को यह सचेत किया जाता है कि वह सोशल मीडिया पर अपनी अथवा किसी अन्य पुलिस अधिकारी की नियुक्ति का उल्लेख न करें। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त आपरेशन में शामिल पुलिस कर्मियों को इसपर सख्ती से पालन करना होगा।
डीजीपी ने बिंदुवार निर्देश में कहा है कि यूपी पुलिस का हर अधिकारी व कर्मचारी एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया के प्रयोग और उस पर अभिव्यक्ति के लिए उस हद तक स्वतंत्र है, जहां तक उसके द्वारा उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का किसी तरह उल्लंघन न हो। पुलिस कर्मी अगर एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया पर कोई कमेंट या पोस्ट कर रहा है तो उसे यह यह स्पष्ट करना होगा कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है।
हथियारों, वर्दी या अपनी वर्दी कि फ़ोटो प्रदर्शन करने में बरतनी होगी सावधनी
डीजीपी ने कहा है कि पुलिस कर्मी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस विभाग के लोगो, वर्दी, हथियार या हथियार प्रदर्शित करती हुई तस्वीर पोस्ट नहीं करेंगे। यदि अपनी फोटोग्राफ यूनिफार्म में डाल रहे हैं, तो यह ध्यान रखें कि वर्दी दुरुस्त है। अश्लील भाषा का प्रयोग और अश्लील फोटो किसी भी हाल में सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकेंगे। उन्होंने कहा है कि घटनाओं की जांच, विवेचनाधीन या न्यायालय में लंबित मामलों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जाएगी।
सोशल मीडिया पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, व्यवसाय, लिंग, क्षेत्र, राज्य के संबंध में पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। किसी बलात्कार पीड़िता या किशोर की पहचान या नाम सोशल मीडिया पर उजागर नहीं किया जाएगा। जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
अपने साथियों या वरिष्ठ के खिलाफ भी नहीं कर सकते आपत्तिजनक टिप्पणी
डीजीपी ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मी, पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे, जिससे पुलिस विभाग को शर्मसार होना पड़े। साथ ही सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों या किसी राजनेता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रकरणों में सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।