I.N.S. विराट जिसे 12 मई ,1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था ने लगभग 30 साल भारतीय नौसेना और 27 साल ब्रिटेन की रॉयल नेवी की सेवा की।इसे ब्रिटैन से ख़रीदा गया था जहाँ इसे ‘एच. एम. एस. हरमीज’ के नाम से जाना जाता था।भारतीय नौसेना की सेवा में रहते हुए इसने पहली बार जुलाई ,1989 में ‘ऑपरेशन जुपिटर’ और 2001 में ‘ऑपरेशन पराक्रम’ में महत्त्वपूर्ण भुमिका निभाई थी।इसका ध्येय वाक्य”जयेमा साम युधि स्पर्धा”था।आई. एन. एस. विराट में अस्पताल,एटीएम,जिम,टीवी,मीठा पानी के प्लांट जैसी आधारभूत सुविधाये भी हैं। अब देखना यह होगा कि, रिटायरमेंट के बाद इस नौसैनिक धरोहर का क्या होता है!
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