तत्पश्चात कलाकारद्वय द्वारा संबोधन हुआ। इसके बाद डॉ राम शंकर द्वारा गायन की कार्यशाला प्रारंभ की गई ,जिसमें आपने संगीत के महत्व को समझाते हुए प्रारंभिक रियाज स्वर का लगाव स्वर का उच्चारण कैसे होना चाहिए ,प्रयोगात्मक तरीके से उपस्थित लाभार्थियों को बताया। इसके बाद राग भूपाली में विस्तार एवं पारंपरिक रचना इतना जोबन पर मान ना करिए …..! ,जो तीन ताल में निबंध है ,इसको सिखाया। इसके बाद श्री हेम सिंह जी द्वारा,रूप सज्जा पर प्रकाश डालते हुए उसकी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला गया। रूप सज्जा को किस तरीके से प्रभावी बनाया जाए, इसको प्रयोगात्मक रूप से करके सिखाया गया।धन्यवाद ज्ञापन के साथ डॉक्टर सुरेंद्र कुमार जी ने प्रथम दिवस का समापन किया।
तारिक आज़मी डेस्क: संभल की शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताने को लेकर पहली…
मो0 सलीम डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भारतीय…
मो0 कुमेल डेस्क: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में बुधवार यान 20…
तारिक खान डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले बहुजन विकास अघाड़ी के…
ईदुल अमीन वाराणसी: गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। जिरीबाम…