करिश्मा अग्रवाल (विशेष संवाददाता)
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में काशी नगरिया को तवज्जो ,गृहमंत्री का गृह जनपद और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का संसदीय क्षेत्र नहीँ बना पाए ‘टीम योगी’ में जगह उत्तर प्रदेश में नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण कर कार्यभार संभाल चुके हैं। साथ ही ‘टीम योगी’ यानी नए मंत्रिमंडल का गठन भी हो चुका है। मंत्रिमंडल को अगर देखें तो मंत्रीमण्डल में क्षेत्र व जातिगत समीकरण को बैठाने का पूरा प्रयास किया गया है, साथ ही पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को मिली प्रमुखता भी साफ नजर आ रही है,जिसके तहत वाराणसी से दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है।वाराणसी से नीलकंठ तिवारी, अनिल राजभर मंत्री बने हैं।
नीलकंठ तिवारी:
गौरतलब है कि वाराणसी में शहर दक्षिणी से पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी को टिकट ना देकर नीलकंठ तिवारी को मैदान में उतारा गया था। काफी जद्दोजहद के बाद वह जीतने में भी सफल रहे और नए मंत्रिमंडल में जगह बनाने में भी।
अनिल राजभर:
शिवपुर से विधायक बने अनिल राजभर भी मंत्री पद पाने में सफल रहे। यहीं अनिल राजभर सपा के मुलायम सरकार में भी मंत्री रहे हैं। भाजपा आलाकमान ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत उनको पार्टी में शामिल कराया था।
निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी से दो मंत्री बनाया जाना ,कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की बात है। मगर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के गृह जनपद चंदौली मंत्रीमण्डल मैं अपनी जगह नहीं बना पाया जहाँ भाजपा के तीन विधायक हैं। जबकि कयास लगाए जा रहे थे कि, लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचने वाले सैयदराजा विधायक सुशील सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ ही साथ बसपा सरकार में मंत्री रह चुके और वर्तमान में चकिया सुरक्षित से भाजपा विधायक शारदा प्रसाद को भी मंत्री बनाने की उम्मीद थी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
वहीँ गठबंधन की पार्टी अपना दल की नेता व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर से भी एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है। इसी तरह सोनभद्र भी मंत्रीमंडल से गायब है। हालांकि राजनीतिक विश्लेशकों का मानना है कि, सरकार के अगले विस्तार और फेरबदल में चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र को भी मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।