प्राथमिक स्कूल में 112 बच्चों पर तीन अध्यापक तथा जूनियर हाईस्कूल में करीब 100 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जिन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी तीन अध्यापकों पर है। दोनों ही स्कूलों के बच्चों को शौच के लिए खेतों का रुख करना पड़ता है। हालांकि स्कूल में दो शौचालयों का निर्माण कराया गया है, लेकिन अभी तक उनको इस्तेमाल में एक लाया गया है। स्कूल के प्रधानाध्यापक भी विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को समस्याओं के बारे में पत्र भेजकर अवगत करा चुके हैं।
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