मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि नियमानुसार ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर सस्ते गल्ले की दुकान के आंवटन के खिलाफ राशनकार्ड धारक की याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। यदि दुकानदार आवश्यक वस्तुओं के वितरण में अनियमितता करता है तो ही राशनकार्ड धारक शिकायत कर सकता है। उपभोक्ता अधिकारों के तहत अपनी पसंद का दुकानदार चुनने का अधिकार नहीं है। कार्डधारक का अधिकार दुकानदार से सामान पाने तक सीमित है। यदि दुकानदार वस्तु देने में अनियमितता करता है तो वह शिकायत कर सकता है। वह दुकान आवंटन की वैधता को चुनौती नहीं दे सकता।
यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने इलाहाबाद सैदाबाद के हरिहरपुर ग्राम पंचायत के राशनकार्ड धारक अधिवक्ता दीपचन्द्र यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिका में ग्राम पंचायत में सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन आदेश को रद्द करने की मांग की गयी थी। याची का कहना था कि मुनादी कराकर दूसरे दिन गांवसभा की बैठक कर दुकान आवंटन प्रस्ताव पारित कर दिया गया। गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि प्रस्ताव पर गांव वालां के हस्ताक्षर हैं। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के भी हस्ताक्षर हैं। जिसे तहसील स्तरीय कमेटी ने स्वीकार किया है। इसके बाद आंवटन आदेश जारी किया गया है। याची ऐसा कोई साक्ष्य नही दिया है कि जिससे स्पष्ट हो कि आवंटन आदेश में कोई अनियमितता हुई हो।