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कौन है आखिर रचना का कातिल

छेड़खानी सुसाइड और यूपी पुलिस
आफताब फारुकी
इलाहाबाद।- यूपी में चलती ट्रेन गैंग रेप पीडिता को एसिड पिलाए जाने का मामला अभी लोगो के दिल और दिमाग से उतरा भी नहीं था कि दूसरी घटना छेड़खानी पीडिता की खुदकुशी ने यूपी पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए है | ये खबर कौशाम्बी जिले से है जहाँ बीए एक छात्रा को महज इसलिए अपनी जिन्दगी ख़त्म करनी पडी, क्योकि थाने के इन्स्पेक्टर ने उसकी शिकायत सुनने की जगह उल्टे आरोपियों के साथ मिलकर पीडिता के ही भाइयो के खिलाफ ही मार-पीट और छेड़खानी की धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया |

इस बात से आहत बीए का इम्तेहान दे रही छात्रा ने शनिवार को अपनी जान फ़ासी के फंदे पर झूलकर दे दी | छात्रा की मौत की खबर मिलते ही पुलिस के बड़े अधिकारियों के हाँथ-पाँव फूल गए | आनन-फानन में पुलिस के बड़े अधिकारी पीडिता के घर पहुचे | कौशाम्बी के बड़े अधिकारिओ ने सुसाइड के मामले की प्राइमरी जाँच में ही दोषी पिपरी थाने के इन्स्पेक्टर, दरोगा और ड्राइवर सिपाही को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर, अब घटना पर अफ़सोस जाता रहे है |

SSP इलाहाबाद के गनर की भतीजी थी पीड़िता
पिपरी थाना इलाके के गांजा गाव के रहने वाले देवेन्द्र सिंह के घर में मातम है | देवेन्द्र सिंह यूपी पुलिस में सिपाही है , वह मौजूदा समय में एसएसपी इलाहाबाद के सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत है | बड़े भाई बचान सिंह की मौत के बाद वह ही परिवार के मुखिया है | जिनकी देख रेख में ही उनकी भतीजी रचना और भतीजे आलोक और शिव पूजन सिंह अपने भविष्य की इमारत पढाई कर बना रहे थे |
23 मार्च को रोज की तरह रचना सेंवढ़ा स्थित रामभजन सिंह डिग्री कालेज अपनी बीए की परीक्षा देने गई परीक्षा ख़त्म होने के बाद रचना जब अपने कालेज से घर के लिए निकली तभी उसके पास के गाव शेरपुर के रहने वाले आशीष यादव और जीतेन्द्र यादव ने उसके साथ छेड़खानी शुरु कर दी | छात्रा के शोर मचाने पर आस-पास के लोगो और कालेज के प्रबंधक ने आकर आरोपी शोहदों से किसी तरह बचाया | पीडिता रचना ने अपने साथ हुयी घटना की जानकारी अपने भाइयो और चाचा देवेन्द्र सिंह से बताई | जिसकी शिकायत सिपाही देवेन्द्र सिंह ने फोन पर मकदूमपुर चौकी इंचार्ज राकेश शर्मा से 23 मार्च की शाम को की, लेकिन चौकी इंचार्ज ने कोई ठोस कदम आरोपी युवको के खिलाफ नहीं उठाया |
पीडिता रचना 24 मार्च को एक बार फिर अपने कालेज इम्तेहान देने अपने भाई आलोक के साथ निकली ही थी कि आरोपी युवको ने उसे और उसके भाई को गाव के बाहर घेर लिया और उसके साथ छेड़खानी करने लगे इस घटना का विरोध रचना के भाई आलोक ने किया तो आरोपी आशीष और जीतेन्द्र ने उसे जमकर पीटा | छेड़खानी की पीडिता रचना और उसका भाई इस बात की लिखित शिकायत लेकर पिपरी थाने पहुचे | जहाँ उसकी एक बार फिर पुलिस ने उनकी एक न सुनी और उल्टे आरोपियों की तहरीर पर 24 मार्च की दोपहर छेड़खानी की पीडिता के भाइयो आलोक और शिवपूजन के खिलाफ पिपरी पुलिस ने मार-पीट और छेड़खानी का मुकद्दमा दर्ज कर लिया |  शोहदे आशीष और जीतेन्द्र की छेड़खानी से परेशान पीड़ित रचना और उसके चाचा सिपाही देवेन्द्र को इसकी जानकारी तब हुयी जब पिपरी पुलिस 24 मार्च की शाम उसके घर उसके भाइयो को गिरफ्तार करने लाव लस्कर के साथ पहुची |
हालाकि पिपरी पुलिस पीडिता रचना के भाइयो के घर पर न होने चलते गिरफ्तार तो नहीं कर सकी, पर रचना के दिल और दिमाग पर पिपरी पुलिस की यह तुगलकी कार्यवाही गहरा असर छोड़ गई | रचना पूरी रात इस घटना को लेकर काफी परेशान रही और सुबह होते ही उसने अपनी जिन्दगी का सबसे खौफनाक फैसला करते हुए घर वालो नज़र बचा कर अपने कमरे में फ़ासी के फंदे पर झूल गई | घरवालो को रचना रस्सी पर लटकती दिखी तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई और वह उसे फंदे से उतार अस्पताल लेकर भागे | अस्पताल पहुचते ही डाक्टरों ने उसका चिकित्सीय परिक्षण कर मृत घोषित कर दिया |  छेड़खानी की पीडिता रचना की मौत की खबर जंगल की आग की तरह इलाहाबाद और कौशाम्बी के पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी तक पहुची | जिसके  बाद कौशाम्बी पुलिस में हडकंप मच गया | आनन-फानन में कौशाम्बी के एसपी, एएसपी, सीओ पीडिता के घर जा पहुचे | पुलिस के बड़े अधिकारियो ने मौका मुआइना करने के बाद घरवालो से बात की तो उनके चहरे पर चिंता की लकीरे साफ झलक उठी |
प्राइमरी जाँच के आधार पर ही एसपी कौशाम्बी वीरेन्द्र कुमार मिश्रा ने एडिश्नल एसपी आशुतोष को पूरे मामले की जाँच सौपते हुए पिपरी थाने के इन्स्पेक्टर भास्कर मिश्रा, चौकी इंचार्ज राकेश शर्मा और इन्स्पेक्टर के सिपाही ड्राइवर को सस्पेंड कर अपनी कार्यवाही का कोरम पूरा कर लिया |  बेटियों की सुरक्षा को लेकर सीएम योगी के सख्त तेवर के बाद भी डिप्टी सीएम केशव मौर्या के होम डिस्ट्रिक्ट में छेड़खानी की पीडिता रचना को इन्साफ पाने के लिए मौत को लगे लगाने के मामले पर मीडिया ने कौशाम्बी के एडिश्नल एसपी आशुतोष मिश्रा से उनकी पुलिस के तुगलकी कार्यवाही पर सवाल उठाया | जिसके जवाब में उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने के साथ एक आरोपी की गिरफ्तारी का दावा कर रहे है | इतना ही नहीं पुलिस के एडिश्नल एसपी जो अपने महकमे की बेटी को छेड़खानी जैसी घटना में इन्साफ दिला पाने में नाकामी पर शर्मशार होने की जगह वह की रचना की मौत की असली वजह उसका सुपर सिंसटिव होना बता रहे है |
रचना सुसाइड कांड की घटना की हकीकत सामने आने के बाद एक सवाल तो अब साफ़ हो गया है कि सीएम योगी भले ही बेटियों की सुरक्षा को लेकर तबाद-तोड़ कार्यवाही को अमली जमा पहना रहे हो, लेकिन यूपी के बड़े पुलिस अधिकारी और उसने मातहत कर्मचारी अपनी तुगलकी सोच से बाहर नहीं निकलना चाहते है |
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