महराजगंज-घुघली
रामचंद्र रावत
राज्यकीय हो0 चिकित्सालय घुघली के डाक्टर साहब और कर्मचारियों पर न किसी सरकारी फरमान का असर है और न मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का डर। इनके चिकित्सालय मे इन्हीं की सत्ता व शासन चलता है। जनता इनकी जूतों के नोक पर। किसी भी राजकाज की असली बुनियाद/पूजी होती है जनता, जनतन्त्र मे जनता ही सर्वेसर्वा है। इसलिए जनता स्वास्थ्य व सुरक्षित रहे यह बहोत जरूरी है। शायद इसीलिए राज्य की सरकार व सरकार के वजीर-ए-आला जनता के स्वास्थ्य व सुविधाओं को लेकर काफी चिन्तित है। और इस समबन्ध मे सुधार के लिए सतत प्रयास रत भी है। रात-रात भर बिभाग के अधिकारियों से मिटिग व प्रजन्टेसन ले रहे है और बुनियादी सुधारों हेतु बिभाग पर सरकारी कोष भी निछावर कर दिया है।
परन्तु जनता के स्वास्थ्य के रक्षक व भगवान का दर्जा प्राप्त कुछ सरकारी डाक्टरो पर इन सब बातों का कोई असर नही। उनके लिए न राज्य मन्त्री का कोई मतलब है न मुख्यमंत्री के आदेश का। हो भी कैसे भाई भगवान का दर्जा प्राप्त व्यक्तित्व है ये लोग। PNN24 की पड़ताल मे हमारी जानकारी मे आया एक ऐसा ही राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय धुधली जंहा कर्मचारियों द्वारा मरीजो से मनमानी ढंग से फीस वसूल की जा रही है जिससे आमजन त्रस्त है और मौके से डाक्टर साहब गायब। वहाँ मौजूद मरीजों से पूछने पर उन्होंने बताया कि-
” डाक्टर साहब हमेशा नदारत रहते है और कर्मचारी से पुछने पर कहते ह्रै कि डाक्टर साहब मिटिंग में गये है।” डॉक्टर साहब के गैरमौजूदगी मे उनका सारा काम फार्मेसिस्ट करते हैं। मरीजों ने शिकायती लहजे मे बताया कि पर्ची बनवाने के नाम पर दस रूपये की माग की जाती है। जिले के CMO साहब की कार्यशैली हमेशा चर्चा का विषय रहा है. अतः उनसे भी कुछ ज्यादा की उमीद नही किया सकती।
अब भले ही सरकार अपनी जनता हेतु कितनी भी सुविधाओं की भरमार कर दे आखरी आदमी तक स्वास्थ्य सेवाओ को पहुँचाने का दम भरे सच्चाई यह है कि जब तक जनता से सीधे सरोकार रखने वाले ऐसे अधिकारी व कर्मचारी सही तरह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नही करते तब तक कुछ नही हो सकता योजनाएँ व आदेश आते रहेंगे सरकारी धन बटता रहेगा और जनता रोती रहेगी अधिकारी सोते रहेगे।