33 हजार फीट की उँचाई पर आमने-सामने थे दो विमान, 15 सेकेण्ड से टल गया हादसा
वाराणसी एयर स्पेस का मामला, दिल्ली-बागडोगरा के रास्ते पर हो सकता था भीषण हवाई हादसा, नगर विमानन महानिदेशालय की एएआईबी ने शुरू की मामले की जांच
शबाब ख़ान
वाराणसी : कल्पना मात्र से ही दिल दहल जाएगा कि अगर ऐसा हो गया होता तो मंजर कितना भयावह होता। बस 15 सेकेण्ड तक यदि नजर चूक जाती तो 33 हजार फीट की उँचाई पर वाराणसी के हवाई क्षेत्र में दो यात्री विमान आमने-सामने से टकरा जाते। गनीनत था कि दोनो विमान में लगे सेंसरस् ने भॉप लिया कि विमान किसी दूसरे विमान के रास्ते में हैं, सेंसर से प्राप्त अलार्म से चौकन्ने दोनो प्लेन के पॉयलटो नें अपनी-अपनी दिशा सेंसर से मिले सिग्नल के अनुसार बदल लिया और हादसा टल गया। प्रकरण के गंभीरता से लेते हुए नगर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) नें जांच के आदेश दे दिए है। विभाग के अधिकारियों ने बाबतपुर एयर कंट्रोलर (एटीसी) से पूछताछ भी जारी कर दी है।
दरअसल, बीते रविवार को दिल्ली-बागडोगरा के हवाई रास्ते पर एयर ऐशिया और इंडिगो के यात्री विमान आमने-सामने आ गये थे। जब दोनो विमान की आपस मे दूरी मात्र नौ किमी थी तभी ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विमान में लगे ‘एयरबोर्न कलिजन अवाईडेंस सिस्टम’ ने दोनो विमानों के पॉयलटो को अलर्ट कर दिया कि उनके रास्ते में दूसरा विमान है, और इस डिवाईस ने एक प्लेन को उपर जाने का निर्देश दिया तो वही दूसरे विमान के पॉयलटो को नीचे होने का निर्देश दिया, डिवाईस की इस खासियत के कारण एयर ऐशिया इंडिगो के नीचे से निकल गया, ओर हादसा टल गया। यदि यह डिवाईस दोनो प्लेन मे न होती तो आज वाराणसी के इतिहास में एक सबसे दुखद हादसा होने से कोई नही रोक सकता था।
जानकारी के अनुसार इंडिगो एयरलांईस के विमान 6E398 नें दिल्ली से बागडोगरा (पश्चिम बंगाल) के लिए उड़ान भरी तो एयर ऐशिया के विमान I5-768 नें दोपहर में बागडोगरा से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। दिन के लगभग 1:35 बजे दोनों विमान लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के हवाई क्षेत्र में 33 हजार फीट की उँचाई पर थे, जबकि दोनो विमानों की उँचाई में 1000 फीट का फासला होना चाहिए था। दोनो विमानों मे हजार फीट की उँचाई का अंतर रखवाने का जिम्मा वाराणसी एटीसी का था।
एटीसी को दोनो विमानों के पॉयलटो से संपर्क करके उनको अपनी उँचाई दूसरे विमान के हिसाब से 1000 फीट ऊपर या नीचे जाने का निर्देश देना चाहिए था लेकिन जब ऐसा नही हुआ और दोनो विमान आमने-सामने केवल 15 सेकेण्ड की दूरी पर थे तभी ऑटोमेटिक डिवाईस ने अपना कार्य किया, और दोनो पॉयलटो नें अपनी दिशा बदल लिया, जिससे एक बहुत बड़ा हादसा टल गया।