करिश्मा अग्रवाल
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के नियंत्रण वाले बाक़ी क्षेत्र को भी शीघ्र ही आज़ाद करा लिया जाए। सअद मअन ने कहा कि सैन्य अभियान की गति के कम होने का कारण यह है कि आतंकवादी, जनता के बीच छिप गए हैं और वे लोगों को मानव ढाल के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इराक़ी सुरक्षाबलों ने दाइश की कमर तोड़ दी है। ज्ञात रहे कि 17 अक्तूबर 2016 को इराक़ के प्रधानमंत्री हैदर अलएबादी ने नेतृत्व में मूसिल की स्वतंत्रता का अभियान आरंभ हुआ था जो अब अपने अन्तिम चरण में पहुंच चुका है।
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