शबाब ख़ान
नई दिल्ली : केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के सचिवालय में नौ वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसरों को भेजने की योजना बना रही है। माना जा रहा है केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ऐसा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए कर रही है। सूत्रों ने कहा कि इन नौ अफसरों का चुनाव प्रधानमंत्री ऑफिस की ओर से किया गया है। उत्तर प्रदेश भेजे जा रहे सभी नौ अफसरों का औपचारिक प्रस्ताव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एण्ड ट्रेनिंग) ने 12 अप्रैल को कैबिनेट सचिवालय को भेज दिया था, लेकिन अभी तक शॉर्टलिस्ट किए गए अफसरों की सहमति ना मिलने के कारण इसमें देरी हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि नौ में से दो अफसरों ने निजी कारणों के चलते राज्य में वापसी करने से मना कर दिया है। शॉर्टलिस्ट किए गए सभी अफसर उत्तर प्रदेश कैडर के हैं। केंद्र में यह मुख्यतौर पर संयुक्त सचिव रैंक पर हैं, इसका सीधा मतलब है कि यूपी में उन्हें अलग-अलग विभाग का सचिव या प्रमुख सचिव बनाया जा सकता है। वर्तमान में इन्हें कैबिनेट सचिवालय, वाणिज्य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास, खाद्य, कपड़ा, स्वास्थ्य और आयुष विभाग मिले हुए हैं। इसके अलावा एक अफसर यूआईडीएआई और एक अन्य एमएमटीसी लिमिटेड में है।
सरकार बनने के बाद सीएम योगी तीन बड़े प्रशासनिक फेरबदल कर चुके हैं, इसके बावजूद उन्होंने राज्य सचिवालय में सिर्फ चार असफर नियुक्त किए। सबसे बड़ा फेरबदल गुरुवार 27 अप्रैल को देखने को मिला। गुरुवार को योगी सरकार ने एक झटके में 84 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए। इनमें 62 जिलों के डीएम के अलावा कई विभागों के सचिव रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। इससे ठीक एक हफ्ता पहले 21 अप्रैल को 12 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था, सुलखान सिंह नए डीजीपी बने थे और जावीद अहमद को PAC की कमान दी गई थी