तो क्या राजनीति की आग मे फिर धधक कर जलेगा गोरखपुर
दिग्गजों के टकराव मे क्या होगी जनता की दुर्गति?
(प्रदीप चौधरी)
गोरखपुर – पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के ‘हाता’ में हुई छापेमारी के विरोध की चिंगारी को बसपा ने शोला का रूप देने की तैयारी की है। बसपा सीएम योगी के शहर में सरकार के खिलाफ मिले इस ज्वलंत मुद्दे को गरमाने में जुट गई है। खुद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पूर्व मंत्री के बेटे बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी से बातकर हालात का न सिर्फ जायजा लिया है बल्कि सोमवार को होने वाले धरने की कमान प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को सौंप दी है।
सूबे की सियासत में पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के आवास ‘हाता’ का दखल व दबदबा लंबे अरसे से रहा है शनिवार को इसी हाते में पुलिस ने लूट के एक आरोपी की तलाश में छापा मारा था, जहाँ कभी पुलिस के आला अधिकारी हात बाधे खड़े रहते थे। छापा पड़ने की चर्चा रविवार को हर जुबान पर थी। पुलिस कितनी भी दलीले दे रही है पर सत्ता के गलियारो से लेकर आम जन तक सभी लोग इसे सियासत से जोड़कर देख रहे है। मसला कुछ भी रहा हो पर बिधानसभा चुनाव में हाशिए पर आई मृत प्रयाय हो चुकी BSP को यह घटना एक संजीवनी की तरह मिल गयी है। पार्टी इसे आंदोलन का शक्ल देकर अपने लिए माहौल बनाने व सरकार को बैकफुट पर भेजने की तैयारी में है।
सूत्रों की मानें तो प्रशासन अगर आंदोलन को रोकने या दबाने की कोशिश करती है तो बसपा कार्यकर्ता तकरार भी कर सकते हैं और मामला हाथापाइ से लेकर काफी उग्र व हिन्सक दिशा मे जा सकता है। रविवार को बसपा सुप्रीमो ने विनय शंकर तिवारी से दो बार बात की। माना जा रहा है कि घटना सीएम के शहर की है और पुलिस कार्रवाई में कुछ हाथ नहीं लगने के बाद बसपा ने इसे एक माहौल देकर जनता के बीच जाने की रणनीति बनाई है। इसी के तहत प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर के साथ ही विधानमंडल दल के अध्यक्ष लालजी वर्मा को भी धरने में शामिल होने का निर्देश मिला है। मंडल के सभी जिलों के पार्टी नेता और विधानसभा प्रत्याशी रह चुके नेता भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
प्रश्न यह है कि राजनीती व रसूख की यह जंग अगर उग्र रूप धारण करता है,जिसके की पूरे आसार है तो पुर्वाचल एक बार फिर सूलग उठेगा और इस आग मे जलेगी सिर्फ आम जनता। हम तो इन उची कुर्सियो पर बैठे लोगों से यही जानना चाहतै है कि-
दिग्गजों के इस दंगल मे क्या होगी जनता की दुर्गति?