वीनस दीक्षित
वाराणसी। प्राचीन शहरों में से गिने जाना वाला एक शहर है अपना काशी विश्नाथ नगरी वाराणसी। काशी शहर अपने आप मे बहुत खास है। तभी तो नित्य प्रतिदिन लाखों के संख्या में यहाँ पर्यटक नोका विहार, दर्शन पूजन करने आते। काशी के दर्शन हेतु सीढ़ी सन्यासी सांड आदि की कहावत में एक शब्द अब और जुड़ गया है और वह शब्द है गड्ढा. अब तो शहर यही कहता है कि खड्डों से बचो तो दर्शो काशी.
शहर के सबसे वयस्त क्षेत्रों में से एक बेनिया तिराहे पर बीते दो दिनों में लगभग पांच फ़िट गहरा गड्ढा हो गया है। जिससे किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इसकी शिकायत भी नगर निगम के क्षेत्रीय ऑफिस मे कर दी गई है। उसके बावजुद इसकी मरम्मत नही की गई। गंगा-जमुनी तहज़ीब का शहर बनारस जो पुरे विश्व में जाना और पहचाना जाता है। यहां देश और विदेश से हज़ारों पय॔टक प्रति दिन काशी घूमने और दश॔न करने आते हैं। कैंट रेलवे स्टेशन और बाबतपूर अंतर्राष्टीय हवाई अड्डे से गंगा घाट पहुंचने का यह आसान रास्ता है और सैलानी इसी रास्ते गंगा घाट पहुंचते हैं जबकि वाराणसी और आस-पास ज़िलो के छोटे दुकान्दार भी पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी हड़हा सराय, नई सड़क, राजादरवाजा, दालमंडी भी इसी रास्ते से होकर जाते हैं । ऐसे में अगर इस पांच फ़िट गहरे गड्ढे की जल्द मरम्मत नही की गई तो किसी भी समय बड़ी दुघ॔टना हो सकती है।