शबाब ख़ान
सीरिया पर अमेरिका के मिसाइल हमले के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की अटकलों में तेजी आ गई है। इस बीच विमानवाहक पोत कॉर्ल विन्सन के साथ अमेरिकी नौसेना के स्ट्राइक ग्रुप के कोरियाई प्रायद्वीप की तरफ बढ़ने की खबर आई है, जिसने इस इलाके में पहले से बने तनाव को और बढ़ा दिया है। हालांकि, इस इलाके में अमेरिकी विमानवाहक पोत की तैनाती कोई नई बात नहीं है। लेकिन, सीरिया पर अमेरिका के हमले और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों को देखते हुए इस पर उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया की तीखी प्रतिक्रिया आई है। उसने अमेरिका की आक्रामकता का जवाब परमाणु हमले से देने की चेतावनी दी है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उत्तर कोरिया के सरकारी अखबार रोडोंग सिनमुन ने कहा, ‘हमारी रिवोल्यूशनरी सेना दुश्मन की सभी गतिविधियों पर नजर रख रही है। इसके अलावा नाभिकीय निगरानी तंत्र न केवल दक्षिण कोरिया और प्रशांत महासागर में बल्कि अमेरिका की मुख्य भूमि पर उसके सैन्य अड्डों पर निगाह रखे हुए है।’ उधर, दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति ह्वांग-क्यो-अहं ने उत्तर कोरिया के उकसावे को लेकर आगाह किया है। उन्होंने अपनी सेना को न केवल निगरानी बढ़ाने बल्कि अमेरिका के साथ नजदीकी से संपर्क रखने का भी आदेश दिया है।
बीते हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फ्लोरिडा में मुलाकात के दौरान उनसे उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने की अपील की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि चीन की मदद मिलेगी तो बहुत अच्छा रहेगा, नहीं तो अमेरिका उत्तर कोरिया से अकेले निपट लेगा।