वीनस दीक्षित. वाराणसी कांग्रेस नेता अजय राय ने एक वक्तव्य में कहा है कि राम बिहारी चौबे हत्याकांड में पुलिस कि खुलासे की कार्रवाई अर्धसत्य है और पारदर्शितारहित है। हत्या की वारदात में दिवंगत राम बिहारी चौबे के पुत्र का आरोप गंभीर है कि पुलिस प्रशासन ने हत्या के जिम्मेदार मोहरों को तो पकड़ा है, लेकिन सत्तापक्ष के दबाव में उसके असल सूत्रधारों को बचा रहा है।
पूर्व विधायक राय ने कहा है कि एक तरफ नई सरकार अपराध पर सख्त रुख का संदेश तो देना चाहती है, लेकिन दूसरी तरफ अपनों का बचाव भी करना चाहती है। मारे गये व्यक्ति के परिजन हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद साजिश के जिन सूत्रधार को बचाने का आरोप लगा रहे हैं,वे लोग ही पुलिस कार्रवाई के विरुद्ध सक्रिय अवरोध खड़ा करने में पूरी ताकत और रसूख का इस्तेमाल करते दिखे थे और गिरफ्तारों लोगों के बचाव में ऊपर तक जाने की धौंस भी पुलिस को ही देते रहे।इससे स्पष्ट है कि जो आरोप परिजनों की ओर से उठ रहे हैं, वह गंभीर हैं और पुलिस द्वारा हुआ खुलासा अर्धसत्य है।
अजय राय ने वक्तव्य में कहा है कि केस खुलासे के समय एस.एस.पी का छुट्टी पर जाना,उनके नीचे के वरिष्ठ अधिकारियों का खुलासे की घोषणा से दूर रहना और इस पूरे मामले में सत्तारूढ़ दल की दोषियों पर कार्रवाई एवं अपनों के बचाव की सामने आई दोहरी रीतिनीति ने लोगों में बनी इस धारणा को बल दिया है कि पूरा सच उजागर नहीं हुआ है और पूरी कार्रवाई की दाल में कुछ काला भी है।प्रशासन को साफ करना चाहिए कि हत्या के पीछे असल उद्देश्य क्या था और साजिश के असल सूत्रधार कौन थे ? मृतक परिवार के आरोपों को भी पूरी गंभीरता से संज्ञान लेकर न्यायपूर्ण एवं पारदर्शी विवेचना होनी चाहिए।