मो आफताब फारूकी
इलाहाबाद। जिले के झूसी थानान्तर्गत त्रिवेणीपुर कालोनी में मजदूरी करने आये बिहार के युवक की करंट लगने से मौत हो गयी। हालांकि उसे एसआरएन अस्पताल तक उपचार के लिए लाया गया था। लेकिन एसआरएन चौकी प्रभारी से मृतक का भाई गिड़गिड़ता रहा लेकिन ठेकेदार की मिली भगत से पंचनामा भरने वाले ने उसका पता घटनास्थल का लिख करके शव को अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया। पुलिस की एक गलती से उस गरीब परिवार को उसका पता ठीक कराने में हजारें रूपया पानी में चला जायेगा।
बिहार के मुज्जफरपुर जिले के सिवाय पट्टी थाना क्षेत्र के हरैया गॉंव के निवासी अंगद कुमार 18वर्ष पुत्र सीताराम पॉंच भाइयों में सबसे छोटा था। लेकिन परिवार के माली हालत ठीक न होने की वजह से अपने बड़े भाई विरेन्द्र कुमार के साथ 31 मार्च को इलाहाबाद के झूंसी इलाके में त्रिवेणी पुरम कालोनी में पहुॅंचा। जहॉं वह मंगलवार की सुबह अपने भाई के साथ काम करते समय अचानक करंट की चपेट में आ गया। हालांकि जिस ठेकेदार के अन्डर में वह काम कर रहा था, उसे तत्काल उपचार के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय भेज दिया। जहॉं चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया और शव को चीरघर भेज दिया। उक्त घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए मृतक के भाई विरेन्द्र ने आरोप लगाया कि मै पंचनामा भरने वाले दरोगा से अपना मूल पता बताया लेकिन पंचनामे में दारोगा ने उसका पता त्रिवेणीपुर कालोनी लिख दिया है। जिससे उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि मृतक के भाई की मिन्नत पर चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसका नाम व पता लिख दिया है। लेकिन चौकी में तैनात चौकी प्रभारी ने उसका मूल पता पंचनामे के क्यों अंकित नहीं किया। कहीं ऐसा तो ठीकेदार के दबाव में आकर दरोगा ने ऐसा कारनामा किया है।
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Aisa nhi Karna chahiye ek to admi aise hi bahut tut jata aur apke lapavahi se aur paresan ho jayega Jo bahut hi galat hai iske liye aapko kadi sja milni chahiye.