दिसंबर 2016 में पाकिस्तानी सेना प्रमुख सऊदी शासक सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ से बात करते हुए
निलोफर बानो
यमन पर सऊदी अरब के जारी हमलों के जवाब में यमनी फ़ोर्सेज़ की कार्यवाही से अपनी दक्षिणी सीमा की रक्षा करने में सऊदी अरब के नाकाम रहने पर, पाकिस्तानी सेना अपनी एक वाहिनी वहां तैनात करने जा रही है।सुरक्षा सूत्रों ने “द मिडिल ईस्ट आई” वेबसाइट को बताया कि ये सैनिक सऊदी अरब की दक्षिणी सीमा के भीतर तैनात होंगे। इन सैनिकों को सऊदी सीमा के बाहर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
ग़ौरतलब है कि दिसंबर 2016 में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के सऊदी अरब के तीन दिवसीय दौरे के बाद यह फ़ैसला लिया गया है। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में आया है कि बाजवा ने “सैन्य संबंध, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा के लिए” सऊदी फ़ोर्सेज़ के जनरल स्टाफ़ के प्रमुख जनरल अब्दुर रहमान बिन सालेह अलबुनयान से मुलाक़ात की। दोनों ही अधाकरी सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए, लेकिन अभी तक इस बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है।
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तानी सैनिकों की सऊदी अरब में तैनाती का विषय राजनैतिक दृष्टि से इस्लामाबाद के लिए बहुत ही संवेदनशील विषय है क्योंकि 2 साल पहले सऊदी अरब के यमन के ख़िलाफ़ हवाई हमले में पाकिस्तान को शामिल करने के निवेदन को पाकिस्तानी संसद नकार चुकी है।