फारुख हुसैन
पलिया कलां (खीरी)//पलिया विधानसभा 137 के लोकप्रिय विधायक रोमी साहनी ने एक बार फिर पिछली बार की तरह जनता के दर्द को बाँटने का सिलसिला शुरू कर दिया है। जिसके कारण एक बार फिर जनता की खुशियाँ में चार चाँद लगा दिये हैं यह महज कोरी कहानी नही बल्कि यह हकीकत है।
यह वहीं विधायक हैं जिन्होंने अपनी जनता को न कि अपने परिवार की तरह समझा है बल्कि उनके हर दुख दर्द को बाँटने का पूरा सहयोग किया है ।गैरतलब है कि पलिया विधानसभा 137 के विधायक रोमी साहनी सबसे पहले इस विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (ब स पा )द्वारा टिकट लेकर मैदान में उतरे तो को विपक्षी पार्टी सपा को ऐसा लगा था कि जब समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत से आ रही है तो इन पर जीत का सेहरा आ ही नही सकता और यही सोच दूसरी विपक्षी पार्टियों की भी थी क्योंकि वह स्थानीय न होकर गोला निवासी हैं तो जनता उनको किसी कीमत पर नहीं चुन सकती ।परंतु विपक्षी पार्टियों के सारे अरमान धरे के धरे रह गये और जनता ने उनके सर पर जीत का सेहरा पहना ही दिया ।
आपको बता दें कि उनकी राजनीतिक शुरुआत की पहल तो काफी पहले शुरू हो चुकी थी परंतु किसी पार्टी में वह नहीं थे परंतु उनके संपर्क बसपा पार्टी के जुगल किशोर से थे जो कि कई बार बसपा पार्टी में विधायक और सांसद के पद पर भी रह चुके थे जिन्हें बाद में किसी कारण वश पार्टी से निष्कासित कर दिया गया ।जुगल किशोर अक्सर उनकी धान मील जो कि गोला गोकर्ण नाथ में हैं उसमें वह बहुजन समाज पार्टी का कार्यालय बनाते थे और रोमी साहनी अक्सर मन और धन से पार्टी की पूरी मदद करते थे और साथ ही आमजन की भी मदद करते रहते थे उनकी इस लगन को और लोगों के प्रति दया का भाव रखने वाले रोमी साहनी को पहली बार बसपा पार्टी के द्वारा जुगल किशोर ने पलिया विधानसभा137 से टिकट दिलवाकर मैदान में उतारा और उनकी राजनीतिक पहल की शुरुआत हुई ।जब वह इस विधानसभा में चुनावी दौरे को पार कर जनता की मदद से पलिया विधानसभा पहुँचे तो तो लोगों में कई सवाल मन में उमड़ने घुमड़ने लगे । कि जीत का सेहरा अपने सर बाँधने के बाद क्या वह जनता का सहारा बन सकेंगे? क्या वह लोगों के दर्द को समझने में कामयाबी हासिल करेंगे? क्या वह क्षेत्र का विकास कर सकेंगे ।परंतु जब उन्होंने अपनी बेहतरीन कार्यशैली का हुनर दिखाया तो विपक्षी पार्टियों ने दांतो तले उँगली दबा ली ।वह न जाने कितने चैनलों और कितने छोटे और कितने बड़े अखबारों की वह सुर्खियां बनें ।एक बार फिर चुनावी दौर शुरू हुआ परंतु उनके दुर्भाग्य ने अपनी कोशिश शुरू की और उन्हें मजबूरी वश बसपा पार्टी का परित्याग कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामना पड़ा यह कथित तौर हुई दुर्घटना उनके लिए किसी सदमे से कम न थी क्योंकि शायद ही उन्हे पार्टी द्वारा टिकट मिल पाये परंतु किस्मत ने उनका साथ दिया और जनता की दुवायें काम आई और उन्हें एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विधायक का टिकट मिल गया परंतु एक फिर वह विचलित हो ग ये क्योंकि इसका कारण मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पार्टी के खिलाफ फैली नफरत थी कि उन्हें शायद ही मुस्लिम समुदाय के लोगों का साथ मिल पाये ,परंतु उनका यह केवल सोचना मात्र था उन्हें इस बार पूर्ण बहुमत से फिर जनता द्वारा जीत का सेहरा पहनाया गया और उन्होंने एक बार फिर अपनी बेहतरीन कार्यशैली से लोगों के दिलों में और भी ऊँचे स्थान पर बिठा दिया ।अभी हाल ही में कुछ अराजक तत्वों के द्वारा माहौल खराब करने की कोशिश की गयी जिसमें कुछ मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों का नुकसान किया गया जिसमें उन्होंने उनके दर्द पर बखूबी मलहम लगाने का कार्य किया और उसके बाद अभी तक न जाने कितने लोगों की वह सहायता कर चुके हैं और एक बार फिर उनका शुरू हो गया लोगों के दर्द को बाँटने का सिलसिला ।