संवेदनहीन हुई पुलिस – न्याय के लिये भटक रही पीडित बच्ची व उसकी मां
रेप पीड़ित नाबालिक बच्ची का दर्द नही दिख रहा कोल्हुई थाना पुलिस को
आरोपी घूम रहा खुलेआम
समाज के ठेकेदार डाल रहे मुकदमा वापस लेने का पीड़ित परिवार पर दबाव
महराजगंज – भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में चुस्त और संवेदनशील पुलिसिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहे है ; रात के 1 बजे तक मीटिग कर रहे हो व सुशासन के दावे करें। पर पुलिस महकमे पर इसका कोई असर नही: योगी के आदेशों का जूं भी पुलिस के कान पर नही रेग रही।
मामला है उनके संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से सटे महराजगंज जिला का जंहा पुलिस संजीदा नहीं दिख रही। कोल्हुई थाना क्षेत्र के महेशपुर महेदिया गांव में आठ अप्रैल को एक तीन वर्ष की मासूम के साथ एक युवक ने रेप किया। घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मेडिकल परीक्षण कराया। मगर आठ दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने पीड़ित परिजनों को मामले की कोई भी कागजी रिपोर्ट मसलन कि एफआईआर या मेडिकल परीक्षण की कापी नहीं दी। पीडिता के मा का आरोप है कि आरोपी खुले आम घूम रहा हैऔर जब वह इस सम्बन्ध में थानेदार से बात करने थाने पहुंची तो उसे थाने से भगा दिया जा रहा है। वही गांव में पहुंचे कुछ लोग पीड़ित बच्ची की मां से मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
हैरान व दुःखी मां को किसी ने सलाह दी वह नौतनवा तहसील पर जाय। वह गयी। मगर सीओ साहब किसी गश्त पर थे। कुछ वकीलों ने जब महिला की पीड़ा सुनी तो वह भी पुलिस के इस व्यवहार रोष जताया और एसपी, डीआईजी और आईजी के पास फोन मिलाने लगे। मगर उनके फोन नहीं मिले। एसओ कोल्हुई यह कह फोन काट दिये की मुकदमा दर्ज है, जांच हो रही है।
सवाल यह कि जीडी लिखने में तेज योगी राज की पुलिस ने यह नया नियम कहां से लांच कर दिया कि फरियादियों एफआईआर और मेडिकल परीक्षण की कापी नहीं दी जाती है। Pnn24 टीम के सामने फफक के रो पड़ने वाली माँ बेटी के लाचार आंखों मे दर्द नही दिखता शायद सम्बंधित पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों को. शायद समाज के उन ठेकेदारों कि आंखे भी अंधी हो चुकी है जो इस परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे है.