शबाब ख़ान
वाराणसी: आज के इस निशा में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित षष्ठ पीठाधीश्वर 1008 श्री श्याम मनोहर जी महाराज, श्री गोपाल मंदिर, व गोस्वामी प्रियेन्दु बाबा का स्वागत श्री हरिदास पारीख ने किया। सुर गंगा संगीत महोत्सव के चौथे दिन आज के मुख्य कलाकार को लेकर मंच पर श्री आलोक पारीख पहुँचे। जहॉ मुख्य कलाकार पंकज उधास को महाराज ने आशीर्वाद प्रदान किया।
आज की शाम गज़ल सम्राट पंकज उधास के साथ भैसासुर घाट पर काशीवासियों नें बिताई। पंकज उधास ने जब अपनी पहली गज़ल “आप जिनके करीब होते हैं, वो बहोत खुशनसीब होते हैं” से शुरुआत किया तो सीढ़ीयों पर बैठकर आपस में बतियानें वाले बनारसी मंत्रमुग्ध होकर पंकज उधास की रेशमी आवाज़ में कुछ यूँ खोये कि पता ही नही चला कि उनके अगल-बगल दूसरे लोग भी बैठे है।
शाम-ए-गज़ल की इस निशा में गज़ल के महारथी पंकज उधास के मंच पर पहुचते ही श्रोताओं ने खड़े होकर व हर हर महादेव के उदघोष से पंकज उधास का स्वागत किया। पंकज ने भी बाकी कलाकारों की तरह मंच पर आते ही हर हर महादेव के उदघोष से काशीवासियों का अभिवादन स्वीकार किया।
करीब एक घण्टें तक मंच से पंकज उधास की रेशमी आवाज़ काशीवासियों के कानों में रस घोलती रही। पंकज के भजन ‘ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन’ व ‘राम के गुण गाया करो’ ने कुछ ऐसा असर किया कि वीआईपी गैलरी से लेकर मीडिया गैलरी तक व सीढ़ीयों पर विराजमान आमजन से लेकर बिना-पास वाले मानस की गर्दनें दांये-बांये व आगे-पीछे घूमती रही, और हजारो की इस भीड़ में शांति ऐसी की मानों समय रूक गया हो।