रानीपुर (मऊ) : सरकार के लाख प्रयास के बाद न तो चिकित्सक सुधर रहे है और न ही व्यवस्था। रानीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार की दोपहर में मानवता को तार-तार करने का नजारा दिखा। दर्द से तड़प रहे मरीज को केंद्र से इस लिए लौटाया जा रहा था कि वहां पर वार्ड ब्वाय उपस्थित नहीं था। इतने में नेत्र परीक्षण अधिकारी मक्कल प्रसाद यादव ने वार्ड ब्वाय की जिम्मेदारी संभालने का जिम्मा लिया। इसके बाद जाकर इलाज शुरु हुआ। चिकित्सकों के इस नाटक में लगभग आधे घंटे तक मरीज दर्द से तड़पता रहा वहीं कई मरीज बिन इलाज लौटने को मजबूर हुए।
शासन का सख्त फरमान है कि कोई भी सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रेक्टिस न करे। इसके बावजूद भी चिकित्सक मानने को तैयार नहीं हैं। शनिवार की दोपहर इंद्रदेव नामक व्यक्ति दर्द से कराहता हुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानीपुर पहुंचा। परिजन उसे भर्ती कराना चाहते थे परंतु घंटों बाद मौके पर पहुंचे चिकित्सकों ने इलाज करने से मना कर दिया। कारण बताया कि आज वार्ड ब्वाय नहीं है। ऐसे में इलाज संभव नहीं होगा।
मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप पर नेत्र परीक्षण अधिकारी ने कागजी कार्रवाई करने व मरहम पट्टी करने का बीड़ा उठाया। इसके बाद चिकित्सक इलाज करने को राजी हुए। इस दौरान करीब आधे घंटे तक इमरजेंसी मरीज दर्द से कराहता रहा परंतु धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों का दिल नहीं पसीजा। इसको लेकर स्थानीय लोगों में चिकित्सकों के प्रति काफी आक्रोश है तो नेत्र परीक्षण अधिकारी की लोग तारीफ करते नहीं थक रहे।
स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत पहुंचा योगी दरबार
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानीपुर में चिकित्सकीय व्यवस्था के हाल जानने को लेकर पहुंचा भाजपा प्रतिनिधिमंडल अव्वाक रह गया। शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे मंडल अध्यक्ष योगेश सिंह, अजय सिंह, रामप्रताप चौहान, मुन्ना मौर्या, सुरेश सिंह ने देखा कि केंद्र का ताला बंद है। एक भी चिकित्सक मिले और न ही कर्मचारी। मौके पर सिर्फ एक ही कर्मी नेत्र परीक्षण अधिकारी मक्कल प्रसाद यादव उपस्थित मिले। पूछने पर पता चला कि स्टाफ के किसी कर्मी के यहां सभी गए हैं। इस पर प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई।