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अब जलेगी वाहनों में दिन में भी लाईट

करिश्मा अग्रवाल/ हरिशंकर सोनी
यदि किसी वाहन की हेड लाईट दिन में भी जलती दिखे तो उसे बंद कराने का इशारा बिल्कुल भी न करें। जी हां, क्योंकि दिन में भी वाहन की लाईट जलाकर सफर करने का कानून लागू होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 (भारत स्टेज) वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अब 01 अप्रैल से ऑटो कंपनियां बीएस-3 के वाहन नहीं बेच पायेंगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देश में अब विदेशों की तरह नजारा देखने को मिलेगा। नये आने वाले बीएस-4 वाहनों में इंजन के स्टार्ट होते ही वाहन की हेडलाईट भी जल जायेगी, जिसे बंद नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा जो नये वाहन आयेंगे उसमें पॉल्यूशन कम होगा।

यदि किसी वाहन की हेड लाईट दिन में भी जलती दिखे तो उसे बंद कराने का इशारा बिल्कुल भी न करें। जी हां, क्योंकि दिन में भी वाहन की लाईट जलाकर सफर करने का कानून लागू होने वाला है। यूरोपियन देशों की तरह भारत सरकार का भी बाईक की हेडलाईट जलाकर ही चलने का नया नियम लागू होने वाला है। देश में लागू हुए बीएस-4 मानकों के तहत अब दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों ने अपने सभी मॉडल से हेड लाईट ऑन-ऑफ करने का सिस्टम ही खत्म कर दिया है।
हेड लाईट ऑन ऑफ स्विच की जगह अब सभी दोपहिया वाहनों में आटोमैटिक हेड लाईट सिस्टम (ओएचओ) होगा। इसमें इंजन स्टार्ट होते ही मोटर साईकिल की हेडलाईट अपने आप ऑन हो जायेगी। जब तक दोपहिया वाहन का इंजन स्टार्ट रहेगा तब तक हेडलाईट ऑन रहेगी। वाहन चालक इसे चाहकर भी बंद नहीं कर पायेंगे। अब सभी वाहन चालक दिन में भी हैडलाईट जलाकर चलंें तो आश्चर्य न करें।
नये मॉडलों में ही यह व्यवस्था रहेगी। पुराने वाहनों को हेडलाईट को मेनुअली ऑन रखना होगा। यदि दिन में दोपहिया वाहन में लाईट आफ मिली तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जायेगा। इसके लिये जुर्माना भी भरना होगा। मध्य प्रदेश के एक आरटीओ के मुताबिक अब तक भारत में बीएस-3 मानकों के दोपहिया वाहन चल रहे थे। अब बीएस –4 मानकों को अप्रैल 2017 से लागू किया जायेगा। इसी के तहत अब दिन में भी दोपहिया वाहनों की हेडलाईट ऑन रहेगी। जानकारों के मुताबिक यह तकनीक विदेशों में अपनायी जा रही है। दिन में भी वाहनों की पार्किंग लाईट जलाने का मकसद दुर्घटना में कमी करने का प्रयास है। जानकारों के मुताबिक अपने देश में बढ़ते दुर्घटनाओं के ग्राफ को कम करने के उद्देश्य से यह जरूरी है।
कई कार निर्माता कंपनियों ने तो अपने नये माडल में इसे जरूरी कर दिया है। इसका फायदा यह होगा कि घने कोहरे, धूल या बरसात और भारी ट्रैफिक में वाहन की दृश्यता कम हो जाती है। इसलिये इस प्रकार के नियम में बदलाव अच्छा कदम है। उन्होंने बताया कि कई कंपनियों के वाहनों में बीएस-4 मानकों के वाहन में स्विच ही हटाये जा रहे हैं।
विदेशों में नियम
यूरोपीय देशों में 2003 से डे-टाईम रनिंग लाईट्स (डीआरएल) का नियम लागू है। विदेशों से भारत आने वाली कारों में भी यह सिस्टम इनबिल्ट है। कई अन्य विकसित देशों में भी दिन के उजाले में बाइक की हेडलाईट जलाना अनिवार्य है।
कोर्ट के आदेश के बाद सख्ती
देशभर में 01 अप्रैल से वाहनों के लिये भारत स्टेज इमिशन स्टैंडर्ड (बीएस) 04 लागू करने के लिये कोर्ट ने निर्देश दिये थे। निर्देश के बाद एनवायरमेंट पोल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (ईपीसीए) ने सख्त रुख अपनाया। ईपीसीए ने ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को स्पष्ट कर दिया है कि 01 अप्रैल से बीएस-4 मानक से कम कोई भी वाहन पंजीकृत नहीं होगा। वाहन निर्माता कंपनियों ने भी कहा है कि उन्हें इस मोर्चे पर उन वाहनों के स्तर पर राहत दी जायेगी, जो 31 मार्च तक तैयार हो जायेंगे।
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