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हसन नसरुल्लाह, नेतनयाहू के आभारी क्यों ?

अनुपम राज
इस्राईली प्रधान मंत्री ने हैफ़ा से अमोनिया टैंकों को हटाने की मुद्दत में दो साल की वृद्धि कर दी है। ग़ौरतलब है कि युद्ध की स्थिति में अगर हैफ़ा में अमोनिया भंडार पर हिज़्बुल्लाह का कोई मिसाइल जाकर गिरता है तो इससे पहुंचने वाला नुक़सान किसी परमाणु हमले से कम नहीं होगा। अभी हाल ही में इस्राईली सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हैफ़ा में मौजूद अमोनिया के भंडार को 48 दिन के अंदर हटा दिया जाए।

हालांकि सोमवार की रात इस्राईली प्रधान मंत्री नेतनयाहू ने अमोनिया भंडार को हटाने की अवधि में वृद्धि करते हुए इसे दो साल कर दिया। सूत्रों के अनुसार, हैफ़ा में अमोनिया का भंडार हमेशा से ही हैफ़ा के निवासियों की चिंता का विषय रहा है, इसलिए कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या मिसाइल हमले का इलाक़े में भयानक परिणाम होगा।
हिज़्बुल्लाह के प्रमुख सैय्यद हसन नसरुल्लाह का कहना है कि इस्राईली विशेषज्ञों का मानना है कि हैफ़ा के नागरिक अमोनिया भंडार पर हमले को लेकर भयभीत हैं। इस भंडार में 15 हज़ार टन से अधिक अमोनिया गैस है, जो किसी परमाणु बम से कम नहीं है, इसका अर्थ है कि लेबनान के पास परमाणु बम है, इसलिए कि हैफ़ा पर उसका कोई भी मिसाइल हमला परमाणु बम की भांति तबाही मचाएगा।
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