सुदेश कुमार / फारुख हुसैन
बहराइच। वो थी ही ऐसी जिसे देखने को बेचैन थे लोग.. खासकर तबसे जब लोगों को पता चला कि अस्पताल में जंगल से आई कोई मोगली भर्ती है। बीते दो दिनों में पूरी दुनिया की मीडिया में बहराइच इस एक लड़की के चलते सुर्ख़ियों में आ गया, आज जब उसे उसकी बेहतरी के लिए अस्पताल से रुखसत किया गया तो अपने मजबूत कलेजे के लिए जाने जाने वाले डॉक्टर रोने लगे मानो उस अजनबी का इनसे दो महीनो का नही वर्षों का नाता रहा हो।
एक क्षण के लिए ऐसा लगा मानो अस्पताल से दूसरे अस्पताल मरीज नही एक घर से दूसरे घर बेटी विदा हुई हो। आज सबको रुला कर चली गई किसी की मोगली किसी की वन दुर्गा और डॉक्टरों की पूजा। आज बहराइच जिला चिकित्सालय एक क्षण के लिए अस्पताल से कहीं अधिक घर से विदा हो रही बेटी का घर नजर आया उस बेटी का जिसे आज ये भी नही पता की रिश्ते की अहमियत क्या होती है लेकिन बीते दो महीनो में इस लड़की ने अस्पताल कर्मियों के दिलों को न केवल जीता बल्कि उनसे वो ख़ास रिश्ता जोड़ लिया जिसकी बानगी उसकी अस्पताल से विदाई के समय सी एम् एस डॉ डी के सिंह स्वास्थ्य कर्मी रेनू के बहते आंसुओं में नजर आई। आज डॉक्टर को रोते हुए देख ऐसा लगा की दुनिया में मोहब्बत से बढ़कर कुछ भी नही। बीते दो दिनों में न्यूज़ चैनलों व अखबारों की हेडलाइन्स बनी जिला चिकित्सालय में विगत ढाई महीने से भर्ती मोगली गर्ल को लखनऊ स्थित सामजिक संस्था निर्वाण में भर्ती करने के लिए भेज दिया गया। अब तक उसकी देखभाल करती आई स्वास्थ्य कर्मी रेनू जब उसे गोदी में लेकर 108 एम्बुलेंस में चढ़ने को हुई तो वहां मौजूद सभी लोगों ने नम आँखों से उसे विदाई दी और फिर एम्बुलेंस से उसे निर्वाण के लिए रवाना कर दिया गया।