Categories: Crime

अदालत ने कहा शेविंग कर लो तो नौकरी वापस मिल जाएगी, उसने कहा नहीं

आफताब फारुकी 

नई दिल्ली,। महाराष्ट्र में दाढ़ी रखकर नौकरी करने पर निलंबित हुए पुलिसकर्मी ने सुप्रीम कोर्ट की इस शर्त को मानने से इन्कार कर दिया है जिसमें उसे दाढ़ी साफ कराने के लिए कहा गया था। यह शर्त मानने पर वह नौकरी पर बहाल हो जाता। जहीरुद्दीन शम्सुद्दीन बेडाडे नाम का यह सिपाही महाराष्ट्र राज्य आरक्षित बल में कार्यरत है।

आरक्षित बल के जवानों के लिए राज्य सरकार ने धार्मिक चिह्नों के साथ नौकरी करने पर रोक लगा रखी है, क्योंकि इससे धर्मनिरपेक्ष बल होने की मान्यता भंग होती है। इसी के चलते बेडाडे को निलंबित किया गया था। बेडाडे को जब मुंबई हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो उसने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में अपने निलंबन आदेश के विरोध में अपील की।
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर वह धार्मिक गतिविधियों के लिए निर्धारित अवधि (रमजान व कुछ अन्य मौके) में ही दाढ़ी रखने को तैयार हो तो वह उसे बहाल किये जाने का आदेश दे सकते हैं। लेकिन बेडाडे की ओर से उसके वकील ने ऐसी कोई शर्त मानने से इन्कार कर दिया।
वकील ने कहा, इस्लाम में अस्थायी तौर पर दाढ़ी रखने और उसे कटवाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए उसका मुवक्किल यह शर्त मानने को तैयार नहीं है। हाई कोर्ट ने भी बेडाडे के समक्ष यही शर्त रखी थी लेकिन उसने नहीं मानी थी। बेडाडे आरक्षित बल में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुआ था। 2012 में उसने दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी जो उसे नहीं मिली। इसके बाद उसने दाढ़ी रखी तो उसे निलंबित कर दिया गया।
pnn24.in

Recent Posts

शम्भू बॉर्डर पर धरनारत किसान ने सल्फाश खाकर किया आत्महत्या

तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…

20 hours ago

वर्ष 1978 में हुवे संभल दंगे की नए सिरे से होगी अब जांच, जाने क्या हुआ था वर्ष 1978 में और कौन था उस वक्त सरकार में

संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…

23 hours ago