दिग्विजय सिंह
कानपुर। पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर ही उंगलिया उठा करती हैं मौजूदा समय भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां अदालत से गंभीर आर्थिक अपराधों में आरोपी को वारंट जारी है और वही वह आरोपी आराम से शहर में टहल रहा है कहने को तो कहीं ना कहीं से यह न्यायालय की अवमानना की भी श्रेणी में आता है मगर संबंधित थाना इस संबंध में कुछ भी सोचने की स्थिति में शायद नहीं है अगर वादी मुकदमा की आरोपों को ध्यान दिया जाए तो आरोपी का स्थानीय चौकी इंचार्ज से बहुत ही अच्छा संबंध होने के कारण संबंधित चौकी इंचार्ज ने उसको एक विशेष छूट दे रखे हैं जिसके अंतर्गत आज लगभग 10 दिन गुजरने के बाद भी उस वारंटी की तलाश तो दूर रही साहब उल्टे उपरोक्त वारंटी अक्सर के आस पास चाय पान करता दिखाई दे जाता है वही वादी मुकदमा का आरोप है कि आरोपी पुलिस के अंदर अच्छी पकड़ रखता है जिसके कारण आज तक वारंट जारी होने के बाद भी पुलिस वाले उस के दरवाजे तक नहीं गए ।
प्रकरण के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के मकान संख्या 76/182 कुली बजार कानपुर का फर्जी बैनामा करवाने के कारण गिरीश चंद्र शुक्ला.रमेश चंद्र शुक्ला व आशीष चंद्र शुक्ला के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानपुर नगर द्वारा अन्तर्गत धारा 420-468-471-504-व 506 भारतीय दंड संहिता के विचरण हेतु न्यायालय द्वारा किया गया।इन सभी आरोपियों के खिलाफ माननीय न्यायालय ने 21/3/2017 को NBW जारी किया था पर पुलिस ने अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नही किया। जबकि वादी मुकदमा का कहना है कि आरोपी क्षेत्र मे खुले आम घूम रहे है। पुलिस क्यों ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार नही कर रही है।क्या वजह है जो आरोपी आराम से कही भी आ जा रहे है इसका जवाब तो केवल पुलिस दे सकती है मगर साहब क्षेत्र चौकी इंचार्ज से पूछे कौन
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inke khilaf police ko karwahi kerni chahiye aur action lena chahiye isse liye toh police pe koi bharosa nhi kerta very bad
पुलिस को एक्शन लेना चाहिए इस तरह तो पुलिस की बदनामी होती हैं और कोई भरोसा नही करता पुलिस पे