इस्राईल में अमोनिया भंडार का मुद्दा राजनैतिक विवाद में बदल गया है।
इस महीने की शुरुआत में इस्राईली अदालत ने आदेश दिया कि इस्राईली सरकार 45 दिन के भीतर अमोनिया भंडार को ख़ाली करने क योजना पेश करे इस लिए कि यह भंडार हैफ़ा शहर और निकट के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए गंभीर ख़तरा है। इसके बावजूद इस्राईली प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने आदेश दिया कि यह भंडार हटाए जाने के लिए कम से कम 60 दिन का समय मिलना चाहिए। इस्राईली सूत्रों का कहना है कि यदि यह भंडार हटा दिया गया तो सैकड़ों लोग बेरोज़गार हो जाएंगे लेकिन वहीं कुछ और सूत्रों का यह कहना है कि अमोनिया उत्पादक युनिट के मालिक से नेतनयाहू के क़रीबी संबंध हैं।
सूत्रों क कहना है कि हिज़्बुल्लाह लेबनान के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह ने वर्ष 2016 में अपने भाषण में हैफ़ा के निकट स्थित अमोनिया भंडार का उल्लेख किया जिसके बाद से स्थानीय लोगों में यह भय व्याप्त है कि युद्ध की स्थिति में हिज़्बुल्लाह इस भंडार को अपने मिसाइल हमले का निशाना बना सकता है जिसमें 15 हज़ार टन गैस रखी हुई है। यदि इस भंडार पर हिज़्बुल्लाह का मिसाइल लग गया तो हज़ारों लोग मारे जाएंगे। सैयद हसन नसरुल्लाह ने अपने भाषण में कहा कि यह भंडार परमाणु बम बन गया है और इस तरह देखा जाए तो लेबनान के पास इस समय परमाणु बम मौजूद है क्योंकि जैसे ही कोई मिसाइल इस भंडार पर गिरेगा यह भंडार परमाणु बम का काम करेगा।
इस्राईली सूत्रों का कहना है कि नेतनयाहू ने अमोनिया भंडार ख़ाली करने के अदालत के फ़ैसले को टाल कर स्थानीय लोगों को आक्रोषित कर दिया है। देयर इज़ फ़्युचर नामक पार्टी के नेता याईर लबीद ने कहा कि विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया है कि यदि अमोनिया गैस के भंडार को कोई नुक़सान पहुंचा तो पहले ही घंटे में 17 हज़ार इस्राईली मर जाएंगे, जबकि इसके बाद भी दसियों हज़ार लोग मारे जाएंगे।
इस्राईली संसद नेसेट के सदस्य अमीर पेरिज़ ने कहा कि नेतनयाहू की ओर से अदालती आदेश की अवमानना और दस लाख से अधिक आबादी की आशाओं की उपेक्षा प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लगाती है।
एक अन्य संसद कसनाया सब्तेलोवा ने कहा कि सैयद हसन नसरुल्लाह की धमकी बिल्कुल साफ़ है जो कह रहे हैं कि अमोनिया का भंडार संभावित परमाणु बम है। नेतनयाहू दस लाख से अधिक लोगों के जीवन को कोई महत्व नहीं देते।
साभार राय अलयौम