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विजेथुआ,सुल्तानपुर:- चिकित्साधीक्षक साहेब पहले प्राइवेट प्रेक्टिस करते है फिर अस्पताल पहुचते है.

12 बजे आते है चिकित्साधीक्षक साहेब अस्पताल
पूछने पर कहा कि पहले वहा साफ़ सफाई करवाए लाइट की व्यवस्था करे फिर समय से आऊंगा


प्रमोद कुमार दुबे
सुल्तानपुर – सरकार जैसे चाहे वैसे निर्देश देती रहे मगर चिकित्सक है कि खुद में बदलाव लाने को तैयार ही नहीं है. ऐसी स्थिति अधिकतर ग्रामीण इलाको में देखा जा सकता है. इसकी एक बानगी हमकों सुल्तानपुर के विजेथुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कादीपुर में देखने को मिला जब दोपहर के 11:45 तक चिकित्सालय के चिकित्साधीक्षक महोदय खुद स्वास्थ केंद्र नहीं पहुचे.

हुआ कुछ इस तरह कि हम चिकित्सको के सम्बन्ध में आये मुख्यमंत्री के बयान के सम्बन्ध में ज़मीनी स्तर कि सच्चाई जानने के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र विजेथुआ (कादीपुर) जा पहुचे. समय दोपहर के 11:45 हो रहा था. हमने वहा डॉ प्रकाश चन्द्र त्रिपाठी से संपर्क करना चाह. मगर ज्ञात हुआ कि डॉ साहेब अभी आये ही नहीं है. हमने वहा आये मरीजों से पूछताछ की तो पता चला कि मरीज़ कई घंटे से बैठे है मगर डॉ साहेब अभी तक आये ही नहीं है. वहा के कार्यतर अन्य कर्मियों ने जब कैमरा देखा तो वह भी चाय पान की दुकानों को छोड़ कर अपनी कुर्सियों पर आकर बैठ गए  जब हमने डॉ साहेब के बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने यह कह कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश किया कि आते तो समय से है बस आज नहीं आये है
इसके कुछ समय उपरांत शायद किसी ने इसकी सुचना डॉ साहेब को दे दिया कि डॉ साहेब शायद इसी सुचना पर आ भी गए. जब हमने डॉ साहेब से इस सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने कहा कि साहेब यहाँ लाइट नहीं है, पंखे नहीं है और न ही साफ़ सफाई कि व्यवस्था है. कैसे काम करेगे यहाँ. डाक्टर साहेब के जवाब से हम भी वाकई परेशान हो गए और डाक्टर साहेब के सम्बन्ध में हमने जानकारी इकठ्ठा करना शुरू कर दिया. जानकारी जो निकल कर सामने आई उससे समझ में आ गया कि डाक्टर साहेब को यहाँ गर्मी क्यों लगती है. सूत्रों से ज्ञात हुआ कि डाक्टर साहेब खुद अपने आवास पर प्राइवेट प्रेक्टिस करते है. पहले वह फीस लेकर वहा मरीजों को देखते है फिर वहा से फुर्सत पाने के बाद ही यहाँ free का इलाज करवाने के लिए आते है.
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