अरशद आलम
सरकार बनने के बाद जिला वाराणसी में सबसे बड़ा दुर्व्यवस्था व नामचीन होने का नाजायज फायदा उठाने वाली डॉ रितु गर्ग के खिलाफ आखिर अब तक प्रशासन क्यों दिख रही है लचर इसके पीछे कहीं कोई और कारण तो नहीं यह सवाल बार-बार उड़ते हैं क्या कसूर था उन छात्रों का जिन को बरगलाकर संतुष्टि कॉलेज में प्रवेश दिलाने के बाद किया गया उनसे अनियमित और अनैतिक दुर्व्यवहार
आखिर किस दबाव में है वाराणसी प्रशासन -क्यों नही शुरु हुई संतुष्टि हॉस्पिटल मामले की जांच
वाराणसी के सुंदरपुर में स्थित संतुष्टि हॉस्पिटल प्रकरण की जांच अब तक सुरु नही हो पाई है जिसमे करोडो का फर्जीवाडा का मामला चल रहा है ।पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन और मीडिया मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है हम गरीब छात्रों के साथ इतना बड़ा छल हुआ और प्रशासन के कान पर जू तक नही रेंग रही है ।शायद वाराणसी में योगी सरकार के बनते ही यह पहला बड़ा प्रकरण है जिसमे प्रशासन की शिथिलता काफी बड़े सवाल खड़ा कर रहा है ।मोदी और योगी जी ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के दावे किए थे लेकिन जब उनके करीबी ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जा रहे है तो मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है । ज्ञात हो की वाराणसी के संतुष्टि हॉस्पिटल में नर्सिंग छात्रों को गुमराह करके एड्मिशन लिया गया और जिसमे लाखो रुपए वसूले गये पोल खुलने पर प्रशासन छात्रों के आरोप पर लीपापोती करने का प्रयास कर रहा है इसके अलावा छात्रों ने सी एम् को भी मामले से अवगत कराया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है ।
चुनार में भी खेल मानक के अनुरूप नही है कालेज
रानी लक्ष्मी बाई सम्मान से नवाजी गयी सफाई दूत ऋतू गर्ग के कारनामे कुछ कम नही है ।सरकार किसी की हो सत्ता के करीब रहने में कोई कसर नही छोड़ती है ।चुनार में बना नर्सिंग कालेज मानक के अनुरूप नही बना है और तो और जब आई एन सी से मान्यता ही नही है तो फिर एडमिसन से लेकर तमाम कार्यो में जिला प्रशासन ने क्यों नही संज्ञान लिया ? क्या मानक के अनुरूप शिक्षण कार्य चल रहा है इस तरह के कई सवाल है जो संतुष्टि हॉस्पिटल के प्रबंधकों को घेरे में लिए हुए है ।