संजय ठाकुर
घोसी (मऊ) : अब वो दिन गए जब सामग्री से लेकर मजदूरी तक के लिए ग्राम पंचायतें चेक निर्गत करती रही हैं। इलेक्ट्रानिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने के चलते अब श्रमिक से लेकर सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म के बैंक खाते में सीधे धनराशि जाएगी। ग्राम पंचायतों में अवशेष राशि वापस किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
मनरेगा के तहत हो रही धोखाधड़ी एवं जालसाजी के बीच श्रमिकों को समय से भुगतान न मिलने के चलते केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रानिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इस प्रणाली से रीयल टाइम फंड ट्रांसफर यानी तत्काल खाते में धनराशि प्रेषित होगी। इस प्रणाली के तहत मस्टर रोल भरकर ब्लाक स्तर पर मनरेगा सेल को दी जाएगी। मस्टर रोल पर पीछे तकनीकी सहायक किए गए कार्य का मापन कर अंकित करेगा। मनरेगा सेल में मस्टर रोल पर अंकित मजदूरी एवं किए गए कार्य की मापी एक समान होने पर तत्काल फीड करेगा। फाडिंग होते ही लखनऊ में प्रदेश स्तर पर स्थापित मनरेगा सेल उस श्रमिक के खाते में तत्काल धनराशि प्रेषित कर देगी। इस समूची औपचारिकता में एक सप्ताह से कम समय लगेगा। बहरहाल अब ग्राम पंचायतों में अवशेष राशि तत्काल प्रभाव से जिला कार्यक्रम समन्वयक(डीपीसी) के खाते में प्रेषित की जा रही है। इसके तहत स्थानीय ब्लाक की 59 ग्राम पंचायतों से लगभग 24 लाख की राशि डीपीसी खाते में जमा की जानी है।
यह होंगे लाभ
सभी श्रमिकों को एक सौ दिन का काम और काम न मिलने पर भत्ता की संभावना। धन की कमी नहीं होगी। समय से मस्टर रोल फीड होगा और समय से मजूदरी का भुगतान होगा। किसी कारण से समय से भुगतान न होने की स्थिति में दोषी के विरूद्ध कार्रवाई होगी।