साथ ही यह भी निर्देश दिया कि विद्यालय परिसर में स्थित खेल के मैदान को ठीक करा दें जिससे बालिकाओं को खेलने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडे। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि लगभग 14 घण्टे विद्युत आपूर्ति की हो रही है। साथ ही यह भी बताया गया कि विद्यालय में शिक्षक के पद खाली है। जिसपर जिलाधिकारी ने सामाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि संविदा के आधार पर नियमानुसार शिक्षकों की भर्ती करायें जिससे बालिकाओं की शिक्षा प्रभावित न हो। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने छात्रावास, प्रसाधन कक्ष, डाईनिंग हाल, किचेन, भण्डारकक्ष इत्यादि का सघन निरीक्षण किया और जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि विद्यालय का आवश्यक साफ-सफाई और रंगाई पुतायी का कार्य करा दिया जाय। साथ ही विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था के कडे प्रबन्ध किये जायें और छात्राओं को दिये जाने वाले भोजन के गुणवत्ता की रेण्डमली सत्यापन भी करा लिया जाय। जिलाधिकारी ने मौके पर ही मुख्य चिकित्साधिकारी को स्वास्थ्य कैम्प आयोजित कराने व सेनेटरी नैपकिन वितरण कराये जाने का भी निर्देश दिया। गेंहू क्रय केन्द्र के निरीक्षण के दौरान केन्द्र का संचालन सुचारू रूप से न होने से केन्द्र से गेंहू की खरीद अपेक्षानुसार कम पाये जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए डिप्टी आरएमओ को निर्देश दिया कि केन्द्र प्रभारी सुरेश को तत्काल हटाकर दूसरे को केन्द्र प्रभारी तैनात किया जाय। साथ ही केन्द्र पर और धनराशि की व्यवस्था की जाय ताकि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गेंहू की खरीद की जा सके। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने सीएचसी रिसिया के निरीक्षण के दौरान महिला वार्ड, जनरल वार्ड, दवा वितरण कक्ष, रसोई, वैक्सिन रूम आदि का सघन निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती मरीजो से स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे सेवाओं की जानकारी प्राप्त किया। इसके अलावा केन्द्र में दवा आदि की उपलब्धता, चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ की उपस्थित, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु ट्रैकिंग सिस्टम आदि की गहन समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थियों का भुगतान अपेक्षानुसार कम है इसे बढाया जाय और प्रसव के उपरान्त महिलाओं को 48 घण्टे तक स्वास्थ्य केन्द्र पर रोका जाय और शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं उन्हें मुहैया करायी जाय। समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि वार्डों की समुचित साफ-सफाई, खिड़कियो आदि की मरम्मत भी करा दिये जायं। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में डाक्टरों के लिए निर्मित आवासों के खिड़की दरवाजे टूटे हुए हैं और पेयजल की भी संतोषजनक व्यवस्था नहीं है। इसपर जिलाधिकारी ने मौके पर ही सीएमओ को निर्देश दिया कि विभाग के अवर अभियन्ता को भेजकर चिकित्सकों के आवास को तत्काल ठीक कराया जाय जबतक यह कार्य पूरा न हो अवर अभियन्ता का वेतन भी रोक दिया जाय। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मटेरा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय के पठन-पाठन, छात्राओं के भोजन की व्यवस्था, शिक्षकों एवं स्टाफ की उपस्थिति, विद्यालय की साफ-सफाई आदि का जायज़ा लिया तथा मौके पर ही बेसिक शिक्षा अधिकारी व विद्यालय के वार्डन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि विद्यालय के स्टाफ विद्यालय में निवास करें और छात्राओं के खेल आदि के भी उचित प्रबन्ध किये जायं। निरीक्षण के दौरान सीएमओ डा. अरूण लाल, बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमरकान्त सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी डीके सिंह, डिप्टी आरएमओ कमलेश कुमार पाण्डेय, डीएसटीओ एसके बघेल व अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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