रिपोर्ट :-अमित कश्यप के साथ कैमरा पर्सन अरुण कश्यप
आज फिर एक जिंदगी पैदा होने के पहले ही मार दी गयी।आज समाज में आया खुला पन ये महसूस करा रहा है की ऐसे लोगो को एक नन्ही सी जान की भी कोई फिक्र नही होती।इसीलिये तो ज़रा से आनंद के लिये आज के युवा गर्भपात जैसे अपराध करने से भी पीछे नही हटते। कैसी आजादी है ये कैसे संस्कार है जो एक मासूम की जिन्दगी का भी कोई मोल नही समझते।
-गर्भपात जैसे पाप करने वालो पर होनी चाहिये कड़ी कार्यवाही
हमारे समाज में गर्भपात एक ऐसा नासूर बन चुका है।जिसका इलाज कैंसर जैसी बीमारी की तरह लाइलाज हो गया है।ऐसे कुकर्म करने वालो पर जब तक सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही नही करेगी तब तक ऐसी घटनाओ पर रोकथाम नही लग सकती ।
-डॉक्टर भी काफी हद तक है जिम्मेदार ऐसे डाक्टरो पर भी नही होती कोई कार्यवाही
डाक्टर जो धरती पर भगवान बना बैठा है क्या उसे नही मालूम की एक ऐसी जिन्दगी जिसने अभी दुनिया की एक झलक भी नही देखी हो ऐसे जीव को बेरहमी से मार देते है। आज ऐसी ही एक और घटना कानपुर के गड़रिया मोहाल में देखने को मिली।एक मासूम का शव एक नाली में पड़ा था।क्षेत्र की महिलाओ ने जब उस मासूम को देखा हर एक शक्स की रूह कांप गयी हर इंसान के अंदर उस मासूम के लिये प्यार उमड़ पड़ा।हर इंसान उस जोड़े को अपशब्द कह रहा था जो उस मासूम की मौत का कारण था।थोड़ी ही देर में कानून के रक्षक आये और उस मासूम को एक गठरी में बाँध कर ले गये।मामला हूलागंज पुलिस चौकी का है। के पहले ही मिली मौत रिश्तों का हुआ खून माँ का रिश्ता भी चढ़ा कलयुग की भेट. आज फिर एक जिंदगी पैदा होने के पहले ही मार दी गयी।आज समाज में आया खुला पन ये महसूस करा रहा है की ऐसे लोगो को एक नन्ही सी जान की भी कोई फिक्र नही होती।इसीलिये तो ज़रा से आनंद के लिये आज के युवा गर्भपात जैसे अपराध करने से भी पीछे नही हटते।कैसी आजादी है ये कैसे संस्कार है जो एक मासूम की जिन्दगी का भी कोई मोल नही समझते ।
गर्भपात जैसे पाप करने वालो पर होनी चाहिये कड़ी कार्यवाही
हमारे समाज में गर्भपात एक ऐसा नासूर बन चुका है। जिसका इलाज कैंसर जैसी बीमारी की तरह लाइलाज हो गया है। ऐसे कुकर्म करने वालो पर जब तक सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही नही करेगी तब तक ऐसी घटनाओ पर रोकथाम नही लग सकती।