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आइए जाने मुख्यमंत्री गोपालक योजना (10 दुधारू पशुओं की डेयरी) के बारे में

करिश्मा अग्रवाल.
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गोपालक योजना की शुरुआत की गई है. इस सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी हम अपने पाठको को उपलब्ध करवा रहे है.

उददेशय्…….
प्रदेश के बेरोजगार लोगो को पशुपालन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आय में व्रदि करना जिससे उनका पलायन रुके।
योजना का स्वरूप्……
प्रदेश के समस्त जनपदों में 10 दुधारू गाय भैंसों की कुल 5000 इकाइयां स्थापित की जायगी जिसकी कुल लागत रु0 09 लाख प्रति इकाई होगी । दुधारू गायों में संकर जर्सी संकर फिजियन साहीवाल तथा अन्य स्वदेशी प्रजापति की गाय तथा भैंसों में मुर्रा अथवा भदावरी नस्ल की भैंस रखी जायगी पशुपालक अपनी  सुविधानुसार इकाई में गाय भैंसो की संख्या स्वय निर्धारित करेगा। दुधारू गाय भैंस कय करने हेतु लाभार्थी को योजना (09 लाख) का 80 प्रतिशत धनराशि बैंक ऋण के रूप में प्राप्त करनी होगी तथा शेष 20 प्रतिशत रु0 180000,00 लाभार्थी को मार्जिन मनी के रूप में लगानी होगी। पशुओं का कय प्रदेश में ही यथासम्भव प्रतिशित पशु मेलों से प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। कय किये गये सभी पशुओं का बीमा पशुधन बीमा योजना के माध्यम से कराया जायेगा। लाभार्थी को 08 माह में दुधारू गाय भैंस कय कर इकाई पूर्ण करनी होगी। निर्धारित 08 माह में इकाई पूर्ण होने पर प्रोत्साहन स्वरूप् एक मुश्त दस हजार रुपया लाभार्थी को बैंक लोन पर 40 हजार रुपया प्रति वर्ष 05 वर्ष तक अनुदान स्वरूप् लाभार्थी द्वारा पशुओं को रखने एवं चारे दिन की व्यवस्था स्वय करनी होगी।
लाभार्थी का चयन…………
योजनार्न्तगत ऐसे लाभार्थी का चयन किया जायेगा जो पशुपालन में रूचि रखता हो उसे पशुपालन का अनुभव हो पशुओ को रखने हेतु पशु गृह तथा उसके चारे दाने की व्यवस्था करने में सक्षम हो।लाभार्थी को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र तीन प्रतियो में अपने छेत्र के पशुचिकित्साधिकारी को देनी होगी।पशुचिकित्साधकारी द्वारा एक प्रति लाभार्थी को पावती के रूप में वापस की जायगी।लोन लेने हेतु बैंक से सहमति पत्र प्राप्त कर आवेदन पत्र के साथ संलग्न करने वाले लाभार्थियों को चयन में वरीयता दी जायेगी।लाभार्थियों से प्राप्त आवेदन पत्रो का परीक्षण तहसील के उपमुख्य पशुचिकित्साधकारी तथा छेत्रीय पशुचिकित्साधकारी द्वारा किया जाएगा।पात्र आवेदको के आवेदन पत्र की एक प्रति संबंधित पशुचिकित्साधकारी के पशुचिकित्साधकारी पर उपलब्ध रहेगा।योजना के सुचारू रूप से संचालन हेतु जनपद मुख्यालय पर पद्स्था उपमुख्य पशुचिकित्साधकारी को मुख्य पशुचिकित्साधकारी द्वारा योजना का नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा।जनपद के सभी तहसीलो से पात्र आवेदन पत्र प्राप्त होने के पशचाट पुरे जनपद की सूची मुख्य पशुचिकित्साधकारी द्वारा निदेशालय को प्रस्तुत की जायेगी। सूची प्राप्त होने पर संबंधित जनपद को निदेशालय से लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा लक्ष्य प्रापित के पशचात चयन समिति द्वारा लाटरी के माध्यम से लक्ष्य के सापेक्ष लाभार्थियों का चयन किया जाएगा जनपद के लक्ष्य के बराबर लाटरी द्वारा चयन के पशचात 10 प्रतिशत अतिरिक्त लाभार्थीयो का चयन करके प्रतीक्षा सूची के लाभार्थी को योजना का लाभ दिया जाएगा।चयन के पशचात चयनित सूची निदेशालय को प्रेषित किया जायेगा।ऋण प्राप्त करने हेतु चयनित लाभार्थियों का प्रार्थना पत्र उनके बैंक को मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा प्रषित कर दिया जायेगा।लाभार्थी को बैंक की औपचारिकताये पूर्ण कर शीघ्र ऋण स्वीकृत कराना होगा।
चयन समिति……….
1= मुख्य विकास अधिकारी (अध्यक्ष)
2= मुख्य पशुचिकित्साधिकारी (सचिव)
3= नोडल अधिकारी (मुख्यमंत्री गोपालक योजना)सदस्य
बैंक ऋण………..
लाभार्थी को 10 दुधारू गाय भैंस कय करने हेतु रु0 900000.00(नो लाख रूपाय मात्र) का 80 प्रतिशत (रु0 720000.00) लोन बैंक द्वारा स्वीकृत किया जायेगा।लोन स्वीकृत के पशचात लाभार्थी द्वारा इकाई स्थापित करने हेतु योजना राशि(09 लाख ) का 20 प्रतिशत मार्जिन मनी अर्थात रु0 180000.00 से पशु गृह का निर्माण कराना होगा।तत् पशचात बैंक द्वारा 05 दुधारू गाय भैंस कय करने हेतु आधी धनराशि रु0 =360000.00 अवमुक्त की जायेगी।इस धनराशि से लाभार्थी एक माह में 05 पशुओ का कय करेगा।प्रथम लोन धनराशि अवमुकित के 06 माह बाद अवशेष 05 आधी धनराशि रु0 = 360000.00 बैंक द्वारा अवमुक्त किया जाएगा जिससे लाभार्थी अवशेष 05 दुधारू गाय भैंस एक माह में कय करेगा।इस प्रकार अधिकतम 08 माह में इकाई में समस्त 10 दुधारू पशु कय करने होंगे।
पशु कय का मापदण्ड………
1.पशुओ का कय प्रदेश में ही पशु मेलो से प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा।
2.कय किये जाने वाले पशु प्रथम या द्वितीय ब्यात के होने चाहिये तथा दुग्ध उत्पादन प्रति पशु प्रतिदिन 10 लीटर से कम न हो।
3.कय किये जाने वाले पशु दो माह से अधिक के ब्यायै हुए न हो।
4.सभी पशु रोग मुक्त एवं स्वस्थ होने चाहिए।
5.कय किये गये समस्त पशुओ का बीमा पशुधन बीमा योजना के माध्यम से कराया जायेगा।
पांच वर्षो में प्रति यूनिट दी जाने वाली अनुदानित धनराशि ….
1.10 दुधारू गाय भैसो को कय करने हेतु कुल धनराशि रु0 720000.00 लाभार्थी को बैंक ऋण के रूप में प्राप्त करना होगा।
2.स्वीकृत ऋण धनराशि आधा आधा दो बार में छः माह के अन्तराल में बैंक द्वारा अवमुक्त किया जायेगा।
3.लाभार्थी द्वारा छः माह के अन्तराल में दो बार 05 = 05 पशु किये जायेगे।इस प्रकार अधिकतम 08 माह में 10 पशुओ का कय पूर्ण कर लिया जायेगा।
4.यदि कोई लाभार्थी प्रथम किश्त रु0 360000 अवमुक्त होने के पशचात 05 दुधारू पशु कय कर लेता है और अगली किश्त नही लेना चाहता है तो उसे लिखित रूप से 06 माह के अन्दर विभाग तथा बैंक को अवगत कराना होगा।ऐसी सिथति में लाभार्थी को 05 पशुओं की इकाई स्वीकृत करते हुए विभाग द्वारा अनुदान जारी रखा जायेगा।
5.निर्धारित 08 माह में 10 दुधारू गाय भैंस कय करने पर लाभार्थी को एक मुश्त प्रोत्साहन स्वरूप् 10 हजार रुपया अनुदान किया जायेगा।
6.लाभार्थी को बैंक ऋण तथा ब्याज का भुगकतान् 60 समान किश्तों में करना होगा।किश्तों का भुगतान प्रथम धनराशि अवमुक्त होने के छः माह के बाद से प्रारम्भ किया जायेगा।
7.लाभार्थी को 20 हजार रूपाय की दर से 10 छमाही किश्तों में कुल 200000.00 रुपया अनुदान के रूप में दिया जायेगा।
8..अनुदान प्राप्त करने हेतु लाभार्थी को ऋण की नियमित किश्ते जमा करनी होगी।छः मासिक किश्त जमा होने पशचात प्रथम छमाही अनुदान रुपया 20 हजार लाभार्थी के खाते में विभाग द्वारा जमा कराया जायेगा।
9.लाभार्थी द्वारा यदि ऋण की नियमित किश्ते जमा नही की जायेगी तो उन्हों अनुदान बन्द कर दिया जायेगा।किन्तु लाभार्थी द्वारा बकाया किश्ते जमा कर दी जायेगी तो उन्हें पुनः अनुदान का भुगतान कर दिया जायेगा।
अनुदान प्राप्त करने हेतु आवश्यक मापदण्ड…..
योजना का लाभ उन लाभार्थी को देय होगा जिनका चयन चयन समिति द्वारा किया जायेगा।
बैंक ऋण प्राप्त करने के लिए लाभार्थी द्वारा आवेदन पत्र मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के माध्यम से संबंधित बैंक को प्रेषित करना होगा।लाभार्थी द्वारा नियमित किश्त के भुगतान का सत्यापन संबंधित बैंक द्वारा किये जाने पर ही अनुदान का भुगतान किया जायेगा।
योजना का अनुश्रवण…….
उक्त योजनान्तर्गत समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारयो का दायित्व होगा की वह पशु पालको द्वारा क्रय किये जा रहे पशुओ का त्रैमासिक आधार पर निरीक्षण करे एवं सम्बन्घित पशु चिकित्साधिकारियों का निर्देशित करे कि वह मासिक आधार पर पशुओं का निरीक्षण करे तथा औसत दुग्ध उत्पादन पशुओ के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारी बैंक का मूलधन की वापसी की सिथति एवं अन्य जानकारियां मासिक प्रगति प्रतिवेदन के रूप में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उपलब्ध करायें एवं मुख्य पशु चिकित्साधकारी सम्पूर्णं जनपद की उक्त संकलित सुचना अपर निदेशक ग्रेड 2 को उपलब्ध करायेंगे एवं अपर निदेशक का दायित्य होगा कि वह अपने मंडल की संकलित सुचना प्रतिमाह 30 तारीख तक निदेशालय को उपलब्ध कराये।निदेशालय स्तर पर उक्त उपलब्ध करायी गयी सूचनाओ को संकलित किया जायेगा।
योजना का नाम……..
1..प्रदेश में प्रतिवर्ष 25000 लीटर प्रति इकाई अतिरिक्त दुग्ध का उत्पादन होगा।
2..प्रदेश में प्रतिवर्ष 10 नर मादा पशु प्रति इकाई पैदा होंगे।
3..ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर साजित होंगे।
4..ग्रामीण क्षेत्रों से लोगो का रोजगार के लिए पलायन रुकेगा।
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