करिश्मा अग्रवाल
आज के समय में जहाँ हर कोई पैसों को भगवान अल्लाह समझ उसके पीछे भागा जा रहा है ,वही कुछ लोग आज भी ऐसे है जो यह साबित करने के लिये काफी हैं की खुद से बढ़कर दूसरों के लिए सोचना और जीना भी ज़िन्दगी होती है।
84 वर्षीय बुजुर्ग ने सेना को दान की अपनी सारी संपत्ति:
जी हां। ऐसी ही एक मिसाल गुजरात के भावनगर में देखने को मिली जहाँ 84 साल के एक बुजुर्ग जनार्दन भाई भट्ट ने अपनी जिंदगी भर की कमाई सेना के जवानों के हितार्थ दान कर दी। जनार्दन भाई भट्ट का यह कदम आज के धनलोलुप समाज के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता हैं की, किस तरह एक बुजुर्ग ने अपनी जिंदगी भर की कमाई से बचाए गए रुपये नेशनल डिफेंस फंड में निःस्वार्थ दान कर दिए तो अगर सभी चाहे तो अकारण आपसी झगड़ों में उलझने की बजाय उन्हें भुला हम अपना ध्यान और ऊर्जा देश सेवा के लिये भी लगा कुछ ज्यादा अच्छा कर सकते हैं।
आइये जानिये कौन है यह बुजुर्ग :
गुजरात के भावनगर निवासी 84 वर्षीय जनार्दन भाई भट्ट, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र में बतौर क्लर्क कार्यरत थे और इसी महीने रिटायर हुए थे।इन बुजुर्ग दंपति के कोई संतान नहीं हैं।जनार्दन भाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे है।उन्होंने बताया कि आरएसएस ज्वाइन करने के बाद उनके अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा हुई।
सिर्फ पेंशन ही है हमारे लिए काफी…
जब जनार्दन भाई से इस बारे में और जानना चाहा तो उन्होंने बताया, “जब शादी के 50 साल पूरे हुए तो मैं और मेरी पत्नी ने तय किया कि जो हमारे पास है वो सब कुछ समाज को अर्पण करते हैं…जो पेंशन मिलेगा उसी पर गुजारा करेंगे..इसी विचार से हमने एक करोड़ रुपये नेशनल डिफेंस फंड में दान कर दिया…दो लाख रुपये आर्मी वेलफेयर फंड में दान कर दिया. यह पहली बार नहीं है जब जनार्दन भाई ने सैनिकों के परिवारों की मदद की है. इससे पहले भी वह कई बार अपने साथियों के साथ मिलकर पैसे जुटाए और उसे सैनिकों के लिए बनाए गए अलग-अलग फंड में जमा कराया.
लोगों से भी की सेना के सहयोगार्थ मदद की अपील :
सैनिकों की मदद की पहल करके करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके जनार्दन भाई भट्ट ने लोगों से एक खास अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर हर कोई व्यक्ति फंड में दान करेगा तो हमारे डिफेंस के पास इतना पैसा हो जाएगा कि चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब दिया जा सकेगा, नक्सलवाद को भी खत्म किया जा सकेगा