सवाल :-मायावती द्वारा नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे को पार्टी से बाहर करने के सवाल पर आजम खान ने कहा ….
ये उनका मामला है और किसे रखें किसे निकाले…. याद होगा आपको हम भी पार्टी से निकाले गए थे तो हमें भी निकाला था फिर बाद में लिए भी गए अभी भी है और कुछ नहीं कह सकते कौन कब किस पार्टी से निकाल दिया जाए पार्टियां दरअसल अपने फायदे देखती हैं जब तक आप उनके लिए पार्टियों के लिए फायदेमंद है बहुत फायदेमंद है तब तक आपको रखा जाएगा जब आप फायदेमंद नहीं रहे या नुकसानदेह हो गए तो नुकसानदेह हो गए तो निकाल देना चाहिए लेकिन फायदे में अगर कमी भी आ जाती है तब भी पार्टियां ऐसे लोगों को आमतौर पर बर्दाश्त नहीं करती हैं….
सवाल :-सहारनपुर बवाल पर आजम बोले….
एक कहावत है…… जो चुप रहेगी ज़बाने ए खंजर लहू पुकारेगा आस्तीन का… शेर है एक दरअसल कमजोरों पर जुल्म और ज्यात्ती करने की जो लोग आदी हो गए हैं वो यह भूल गए हैं कि अब जिन पर वो जुल्म कर रहे हैं उन पर हजारों साल जुल्म हुआ है और इतना जुल्म हुआ है कि उनके अंदर जुल्म को बर्दाश्त करने की ताकत ही नहीं है और अब वो खड़े हो गए हैं यह कहने के लिए कि हम से जुल्म बर्दाश्त नहीं होगा और हम जुल्म और जालिम दोनों का मुकाबला करेंगे जिस अंदाज से हुआ है हमें वो पसंद नहीं है और हम वाकई उसकी मजम्मत करते हैं लेकिन हम हुकूमत से भी ये कहना चाहते हैं के आखिर वो ऐसे हालात क्यों पैदा कर रहा है जो कुछ मुख्यमंत्री जी के साथ मेरठ में हुआ जिस दर्जे का अपराध उत्तर प्रदेश में बढ़ा है बलात्कारों की बाढ़ आ गई है बुलंदशहर का एक बलात्कार पूरी दुनिया की शोहरत का सबब बना है लेकिन अब जो वो सब झूठ थी ख़बर लेकिन अब जो बलात्कार हो रहे हैं बुलंदशहर में जो कुछ हुआ है क्या मानवता नहीं अमानवता का भी सर उससे नहीं झुकता बलात्कारों की सामूहिक बलात्कार हत्या लूट डकैती और उस सबसे बढ़कर पुलिस की पिटाई अफसरान भाग रहे हैं थाने छोड़कर SP छिप रहे हैं खुद दीवारों के पीछे उनकी पत्नी और बच्चे गायों का सहारा ले रहे हैं उससे पनहा ले रहे हैं एक अनार्की है अंधा कानून है मालूम ही नहीं हो क्या रहा है अराजकता की भी एक नई परिभाषा लिखी जा रही है क्योंकि लोग कानून तो मान रहे हैं उसे अमल कर रहे हैं लेकिन कानून वो जो वो बना रहे हैं मसलन गौरक्षा के नाम पर समाज सुधार के नाम पर रोमियो स्क्वायड के नाम पर अकीदो के नाम पर तो बहुत अच्छा बोले हैं बिल्कुल अराजकता का माहौल है मेरे ख्याल से ये पहली बार हुआ है उत्तर प्रदेश के इतिहास में कि मुख्यमंत्री के स्टेज पर इस तरह की अभद्र हरकत की गई……
सवाल:-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अकबर बाबर के आक्रांता के सवाल पर पलटवार करते हुए आजम खान ने कहा…
देखिए जो हिंदुस्तानी नहीं थे अगर वह नहीं मानते हैं तो उनसे कौन जबरदस्ती मनवा रहा है यह जो अपने अंदर की हीन भावना है इसे खत्म करें देश आजाद है एक संविधान है जब तक भी है तो कौन कह रहा है मानीय जबरदस्ती क्यों माहौल खराब करते हैं और क्यों आप एहसास ए कमतरी का शिकार हो रहे हैं नहीं है तो नहीं है हां अब जो यहां हैं उन्हें आप क्या मानते हैं यह बता दीजिए उन्हें भी आप बाहर का मानते हैं नहीं मानते हैं तो कहां का मानते हैं अगर यहां का मानते हैं तो यह सुलूक क्यों है उनके साथ उनकी जान माल इज्जत आबरु खतरे में क्यों है वह इतने डरे हुए क्यों हैं इतने सहमे हुए क्यों हैं इतने बर्बाद क्यूं है उनके साथ वहशी दरिंदो जैसा बर्ताव क्यों है…