इलाहाबाद से 22 किलोमीटर दूर धनैचा हनुमानगंज में रहने वाले रूपेश के पिता रमापति ने बताया कि रूपेश का जन्म नार्मल हुआ था। जब ये छोटा था, तब कभी सिर दर्द तो कभी पैर दर्द की शकिायत करता था। कई डॉक्टरों के पास गए, लेकिन कोई बीमारी नहीं पकड़ पाया। सभी सिर्फ दर्द कम करने के लिए पेन किलर दे देते थे। जैसे-जैसे बेटे की उम्र बढ़ती गई, वैसे-वैसे इसके शरीर में असामान्य बदलाव आता गया। सिर सामान्य से बड़ा होता गया और पूरा शरीर सूखता गया। पांच साल पहले सर्कस वाले कुछ लोग गांव आए थे। वो रूपेश को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इसके बदले तीन लाख रुपए भी दे रहे थे, लेकिन हमने मना कर दिया। वो बेटे को सर्कस में शामिल करके उसे अजूबे की तरह पेश करना चाहते थे। हमने उनसे कह दिया कि अगर एक करोड़ भी देंगे, तब भी बेटे को नहीं ले जाने देंगे। मां शांति देवी ने बताया कि रूपेश अपना कोई भी काम खुद नहीं कर पाता। यहां तक कि टॉयलेट के लिए भी उसे एक व्यक्ति की जरूरत पड़ती है। मैं अब 24 घंटे बस बेटे की देखरेख में लगी रहती हूं।
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