लिमोंड ने लिखा है कि 17 महीने पहले अमरीका और मध्यपूर्व के कुछ सूत्रों ने क़ासिम सुलैमानी की माॅस्को यात्रा की सूचना दी थी जो सीरिया के बारे में थी। इस पत्र ने जनरल सुलैमानी को मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बताते हुए लिखा है कि वे इराक़ द्वारा थोपे गए युद्ध के दौरान युद्ध की कलाओं से अवगत हुए और सद्दाम का तख़्ता उलटने के बाद इराक़ गए और इस समय सीरिया में हैं। पत्र के अनुसार इस्लामी क्रांति को 37 साल बीत जाने के बाद भी वे लड़ाई में व्यस्त हैं।
तारिक आज़मी डेस्क: संभल की शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताने को लेकर पहली…
मो0 सलीम डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भारतीय…
मो0 कुमेल डेस्क: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में बुधवार यान 20…
तारिक खान डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले बहुजन विकास अघाड़ी के…
ईदुल अमीन वाराणसी: गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। जिरीबाम…