लिमोंड ने लिखा है कि 17 महीने पहले अमरीका और मध्यपूर्व के कुछ सूत्रों ने क़ासिम सुलैमानी की माॅस्को यात्रा की सूचना दी थी जो सीरिया के बारे में थी। इस पत्र ने जनरल सुलैमानी को मध्यपूर्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बताते हुए लिखा है कि वे इराक़ द्वारा थोपे गए युद्ध के दौरान युद्ध की कलाओं से अवगत हुए और सद्दाम का तख़्ता उलटने के बाद इराक़ गए और इस समय सीरिया में हैं। पत्र के अनुसार इस्लामी क्रांति को 37 साल बीत जाने के बाद भी वे लड़ाई में व्यस्त हैं।
आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…
सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…
तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…
सबा अंसारी डेस्क: संभल शाही जामा मस्जिद के कुए को हरिमंदिर बता कर पूजा की…
संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…
मो0 कुमेल डेस्क: बीते दिसंबर महीने में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक कार्यक्रम में…