बीजेपी को रोकने के लिए अपोजिशन लगातार एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। बीते दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी विरोधी खेमे से जुड़ने की बात कही थी। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे लालू यादव की कोशिश है। लालू के करीबी माने जाने वाले एक नेता ने बताया कि मायावती के इस ऐलान से दो दिन पहले ही आरजेडी चीफ ने बसपा चीफ को फोन कर महागठबंधन में शामिल होने पर लंबी बातचीत की थी।
लालू की बात पर मायावती सहमत..
लालू के करीबी नेता के मुताबिक, आरजेडी चीफ की इस बात पर मायावती सहमत थीं कि बीजेपी को रोकने और अपना वोटर बेस संभालने के लिए उन्हें समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन करना चाहिए।
मायावती ऐसे किसी गठबंधन में शामिल होने की बात को खारिज करती रही हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी भी शामिल हो। हालांकि, उन्होंने पिछले महीने अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी के एक प्रोग्राम में ये ऐलान किया था कि उन्हें बीजेपी विरोधी दलों से हाथ मिलाने से परहेज नहीं होगा।
पहले भी कर चुके हैं सपा-बसपा के गठबंधन की बात लालू ने कहा है कि वह देश के संविधान, इसकी समृद्ध, संस्कृति और लोकतांत्रिक और सामाजिक ताने-बाने की रक्षा करना चाहते हैं। हालांकि, बिहार में अपने विरोधे रहे जेडीयू से महागठबंधन कर सत्ता में पहुंचे लालू यादव तभी से ही यूपी में इसी तर्ज पर सपा और बसपा के बीच गठबंधन की बात कहते रहे हैं। लालू ने कहा था कि अगर यूपी में मायावती और मुलायम एक हो जाएं, तो वहां बीजेपी का सारा खेल खत्म हो जाएगा। अखिलेश ने कहा- कुछ ताकतें सपा-बसपा का गठबंधन नहीं होने देंगी वहीं, बसपा के साथ महागठबंधन को लेकर अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में कहा था, ”ये देखना होगा कि सपा और बसपा का गठबंधन किसने तोड़ा? वो ताकतें सपा और बसपा को एक नहीं होने देंगी।