मामला उस वक्त सामने आया जब सुपौल जिले के पीरगंज निवासी मोहम्मद रफीउद्दीन ने अटेंडेंस रजिस्टर सही कराने मामले में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की. रफीउद्दीन एक शिक्षक हैं जिनसे जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद हारून ने 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. निगरानी विभाग ने जांच में रफीउद्दीन के आरोपों को सही पाया. जिसके बाद विजिलेंस डीजी रविंद्र कुमार ने कार्रवाई के आदेश दिए. डीएसपी अरूण कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. हारून को 10 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ उनके आवास से गिरफ्तार किया.उधर दूसरे मामले में मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट निवासी डीलर अरूण कुमार ने निगरानी से प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी नारायण दास के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. आरोप था कि कार्ड काट-छाट नहीं करने को लेकर 25 हजार रुपये घूस के तौर पर मांगे जा रहे हैं. जिसके बाद निगरानी डीएसपी सुभाष साह के नेतृत्व में छापेमारी की गई. आरोपी को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम दोनों को इंटेरोगेट कर रही है.इन दोनों हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियों पर डीजी निगरानी रविंद्र कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार पर सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है. शिकायत मिलने और जांच में आरोप सही पाये जाने के बाद किसी को बख्शा नहीं जायेगा. साथ ही कहा कि वर्तमान वर्ष में कुल 29 ट्रैप लगाए गए जिनमें सफलता मिली है. वहीं 30 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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