(प्रदीप चौधरी)
नेपाल-महराजगंज. आज नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने बहु चर्चित सुडान घोटाला काण्ड मे नेपाल के पूर्व आईजीपी ओम बिक्रम राणा को दो साल और रमेश चन्द्र ठकुरी, हेम बहादुर गुरूण को एक एक बर्ष की सजा सुनाई है। नेपाल की प्रधान न्यायधीश सुशीला कार्की की ईजलास ने सजा और जुर्बाना दोनो लगाया है । प्रधान न्यायाधीश के इस फैसले के बाद नेपाल का राजनितिक तापमान बढ गया है। फैसले की प्रतिक्रिया मे तुरंत बाद नेपाल के गृहमन्त्री बिमलेन्द्र निधि ने अपने पद से इस्तिफा देदीया है। गृह मन्त्री के इस्तीफे को प्रधान न्यायाधीन सुशीला कार्की के फैसले के बिरूध असन्तुष्टी बताया जा रहा है।
नेपाल की प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के विरुद्ध हुये सतारूढ नेपाली काग्रेस और माओवादी
नेपाल की सतारूढ नेपाली काग्रेस और माओबादी ने आज सर्वोच्य आदालत की प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के बिरूध महा अभियोग का प्रस्ताव केन्द्र के संसद मे दर्ता कर दिया है। संसद मे पुर्व पुलिस महानिरिक्षक प्रकरण सहित अन्य 9 बिन्दूऔ मे प्रधान न्यायाधीश के न्याय सम्पादन को लेकर प्रश्न उठाये जायेगे. न्यायमूर्ति के फैसले से आज नेपाल मे राजनितिक तापमान बहुत जादा बढ गया है । गृहमन्त्री के इस्तीफे से माहौल और भी पेचीदा हो गया है।
नेपाल मे हुये इस धटना क्रम मे (पूर्व तीन आई जी पी को सर्वोच्च न्यायलय से सजा,और इसके बिरोध मे गृह मन्त्री ने इस्तीफा दे दिया है. हुवे राजनितिक उठा पटक के सम्बनध मे राजनीतिक संतुलन हेतु देर सामने मे राष्टपति विद्दा देवी भण्डारी और प्रधानमन्त्री पुष्प कमल प्रचण्ड ने शीतला निवास मे मुलाकात कर आपस मे विचार विमर्श किया।