चंदौली: पड़ाव क्षेत्र के बखरा स्थित साहूपुरी मार्ग पर मछली मारने वाले जाल मे उलझा हुआ एक विशालकाय और जहरीला सॉप लोगो को मिला। दरअसल किसी मछुआरे नें बखरां गांव के बसवार मे मछली मारने वाला बेकार हो चुका फटा उलझा हुआ जाल फेक दिया था। बीती रात को सांप जब वहॉ से निकला तो नॉयलान के तारों से बने जाल मे उलझ गया, निकलने की कोशिश में विशालकाय सॉप इतना उलझ गया कि उसका बाहर निकल पाना असम्भव सा हो गमा।
शायद प्रधानपतिसमझदार कुछ अधिक थे वरना वो वन विभाग या पेटा जैसी किसी संस्था को फोन करते, जिससे जाल मे उलझे सॉप को बचा लिया जाता। बहुत कम लोगो को पता है कि सपेरों के पास कोई भी सांप 15-20 दिन से ज्यादा जिंदा नही रहते, क्योकि सपेरे सॉप को काबू में करने के बाद सबसे पहले उसके दोनों जहर वाले दांतों को तोड़कर निकाल देते हैं, घायल सॉप जितने दिन भी सपेरों की टोकरी में रहता है भूखा ही रहता है। वैज्ञानिक सत्य है कि सॉप मांसाहारी जीव होता है, जो छोटे जानवरो जैसे मेढक, चूहा आदि का शिकार करके पेट भरता है। यह भी वैज्ञानिक सत्य है कि सॉप दूध नही पीता, और बहुत भूखा होने पर यदि वो थोड़ा दूध पी भी ले तो उसे निमोनिया हो जाता है, जाहिर है सपेरे सॉप को वेटेनरी डाक्टर के पास लेकर जाएगे नही। ऐसे में सॉप की मौत निश्चित है।