मुहम्मद शाहिद शेख
गोंडा : जिले के साहबगंज अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में रमज़ान की पहली रात दहशत में गुज़री, शायद आने वाली रातें भी अब पहले की तरह गुलज़ार नहीं होंगीं। यहां शाम के वक्त नमाज़ पढ़ने निकले तीन मुस्लिम नौजवानों पर अज्ञात लोगों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इनसे से एक की मौक़े पर ही मौत हो गई और दो ज़िंदगी और मौत के बीच अस्पताल में पड़े हैं।
फिलहाल पुलिस के हाथ खाली है और वह तफ्तीश में जुट गई है. किसी अनहोनी की संभवना के मद्देनजर घटना के बाद यह इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है और क्षेत्र में दहशत है। आज गोंडा में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का दौरा भी था। यह घटना मुख्यमंत्री के वहां से जाने के बाद की घटना है। पप्पू मिस्त्री, अरमान और एक फिलहाल अज्ञात युवक घर से नमाज़ पढ़ने के लिए निकले। वहां के दुर्गा मंदिर के पास दो हमलावर रिक्शा पर आए। उनमें से एक ने छोटी तलवार के ज़रिये पप्पू मिस्त्री पर हमला कर दिया।
एक चश्मदीद इस्माइल के अनुसार पप्पू की तो मौक़े पर ही मौत हो गई। उसे बचाने के लिए जब अरमान उसकी ओर बढ़ा तो हमलावर ने अरमान की गर्दन पर हमला कर उसे भी लहूलुहान कर दिया। उसके बाद हमलावर एक गली में भाग गया। इस्माइल के अनुसार उसे पकड़ने की कोशिश की गई लेकिन उसके पास हथियार थे।इस्माइल बताते हैं कि घटना उस वक्त की है जब हर कोई नमाज़ पढ़ने की तैयारी कर रहा था। सड़कों पर कम लोग थे। उनके अनुसार आज से पहले रमज़ान की रात यहां खूब रौनक होती है। सहरी तक सड़कों पर रौनक बनी रहती है लेकिन अब सभी के अंदर इस कदर दहशत है कि सभी अपने-अपने घर के अंदर हैं। सड़कें सुनसान हैं जबकि यह 4-5 हज़ार अल्पसंख्यक रहते है.
गोंडा के एक सामाजिक कार्यकर्ता फहीम सिद्दीकी बताते हैं कि ये लोग बहुत गरीब घर हैं। पप्पू मिस्त्री दिहाड़ी पर काम करता है। वह मदरसा नासिरुल उलूम में खाना पकाने वाली रसोइया का बेटा हैं। जबकि अरमान जो नान पारा का रहने वाला है और यहां फेरी के काम के लिए यहां किराए पर रह रहा था। फहीम के अनुसार ये लोग इतने गरीब हैं कि इनकी किसी के कोई रंजिश का सवाल ही पैदा नहीं।