समीर मिश्रा
बहरैन के गृहमंत्रालय ने घोषणा की है कि बहरैनी सुरक्षा बलों ने वरिष्ठ शीया धर्मगुरु शैख़ ईसा क़ासिम के घर पर हमला करने और उनके समर्थकों के साथ कुछ घंटे की झड़पों के बाद शैख़ ईसा क़ासिम को घर में नज़रबंद कर दिया है। अल आलम टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, बहरैनी सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार को आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलों ने शैख़ ईसा क़ासिम के घर में मौजूद 150 बहरैनी युवाओं को गिरफ़्तार कर लिया।
दूसरी ओर बहरैन के मानवाधिकार केन्द्र के प्रमुख बाक़िर दरवीश ने अलमयादीन टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि बहरैनी जनता का कहना है कि इस प्रकार की कार्यवाही के लिए सीधे रूप से इस देश का शासन, अमरीका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और इमारात की सरकार है।
इसी मध्य लेबनान की राजधानी बैरूत में एक लेबनान के मुस्लिम धर्मगुरुओं की परिषद ने एक प्रेस कांफ़्रेंस में बहरैनी जनता को सड़कों पर निकलने और शैख़ ईसा क़ासिम का समर्थन करने का निमंत्रण दिया है। लेबनानी धर्मगुरुओं की परिषद ने इसी प्रकार बहरैनी में होने वाली घटनाओं पर विश्व समुदाय की चुप्पी की आलोचना की और शैख़ ईसा क़ासिम के भरपूर समर्थन और उनकी रक्षा पर बल दिया।
ज्ञात रहे कि आले ख़लीफ़ा शासन ने रविवार को शैख़ ईसा क़ासिम को मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में 1 साल क़ैद की सज़ा दी और 1 लाख दीनार का जुर्माना लगाया है। इसी प्रकार शैख़ ईसा क़ासिम के ख़िलाफ़ 3 साल क़ैद का आदेश स्थगित हो गया है।